ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
महज़ दो दिन पहले ही एसडीएम नर्मदापुरम नीता कोरी को बताया गया था कि कलेक्टर आदेश के बावजूद बेखौफ दिन में चल रही हैं भूसा मशीने,जिस पर ना ही एसडीएम ना महकमें के किसी अधिकारी ने सुध तक नहीं ली। उस लापरवाही का ख़ामियाज़ा सोमवार को वहां के किसानों को भुगतना पढ़ सकता था।मामला डोलरिया तहसील के ग्राम मिसरोद रोड का है जहां कलेक्टर नर्मदापुरम के आदेश को नकारते हुए दिन दहाड़े भूसा मशीने चल रही हैं।दोपहर में केदार सिंह भदोरिया के खेत पर भूसा मशीन चल रही थी तभी अचानक भूसा मशीन में आग लगगई जैसे ही यह नज़ारा कृषकों ने देखा लोगों में हड़कंप मच गया,बड़ी तादाद में गांव वासी खेतों की तरफ दौड़े और आग पर काबू पाने की मशक्कत करने लगे बड़ी मुश्किलों से आग पर काबू पाया गया,एक किसान ने कहा भगवान की कृपा थी जो आज होली के दिन सभी खेतों की तरफ थे लोग जल्दी इकट्ठा हो गए और आग को बुझा दिया गया,अगर वहां लोग मौजूद नहीं होते तो शायद बहुत बड़ा क्षेत्र अगज़नी का शिकार हो चुका होता।भूसा मशीन को ग्रामीणों द्वारा पुलिस के हवाले कर दिया गया जिसे बाद में छोड़ दिया गया।इस लापरवाही पर एक बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि प्रशासन को बताने के बाद भी अधिकारियों का इस और ध्यान ना होना यानी ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश सिर्फ काग़ज़ पर लिखी इबारत ही मालूम होते हैं,उसका जन सामान्य के जीवन या कहें आम नागरिकों से कोई सरोकार ही नहीं है।अधिकारी फ़ोन नहीं उठाते वरिष्ठ अधिकारीयों के अधीनस्थ अधिकार वरिष्ठों के फ़रमान को नज़र अंदाज़ करते हैं।
