Karpuri Thakur: कौन थे कर्पूरी ठाकुर जिन्हें मिलेगा भारत रत्न? जानें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की पूरी कहानी
कर्पूरी ठाकुर: जीवनी और योगदान
- प्रस्तावना:
- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
- सामाजिक न्याय के प्रति उनके समर्पण के लिए उन्हें बिहार की सियासत में एक महत्वपूर्ण नेता माना जाता है।
- जीवनी:
- कर्पूरी ठाकुर ने साधारण नाई परिवार में जन्म पाया।
- उन्होंने कांग्रेस विरोधी राजनीति में अपना करियर बनाया और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहे।
- मुख्यमंत्री के पद पर:
- 1970 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
- उनका पहला कार्यकाल महज 163 दिन का रहा, लेकिन उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में कई सुधार किए।
- समाजवाद का चेहरा:
- उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के हक में काम किया।
- उनकी राजनीतिक ताकत में समाजवाद का चेहरा बना।
- उपयोगी परिवर्तन:
- बिहार में मैट्रिक तक पढ़ाई मुफ्त की गई।
- हिंदी में काम को बढ़ावा देने का प्रयास किया।
- उपमुख्यमंत्री और अवसाद:
- 1977 में फिर से मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका यह कार्यकाल पूरा नहीं हुआ।
- उसके बाद भी, उन्होंने अपने कम समय में समाज के हित में काम किया।
- उपशीक्षा:
- कर्पूरी ठाकुर के शिक्षार्थी रहे लालू यादव और नीतीश कुमार ने उनके सिखों को आगे बढ़ाया।
- नवाज्वानों के नायक:
- उन्हें “जन-नायक” कहा जाता था, जो बिहार की राजनीति में उनके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
- उत्तराधिकारी:
- उनके बाद लालू और नीतीश ने उनकी राजनीतिक विचारधारा का आदान-प्रदान किया और उनके कामों को आगे बढ़ाया।
- समापन:
- कर्पूरी ठाकुर की मौत के बावजूद, उनका नाम बिहार की राजनीति में अभी भी महत्वपूर्ण है और उन्हें याद किया जाता है।
तालिका: बिहार के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र:
क्षेत्र | सुधार |
---|---|
शिक्षा | मैट्रिक तक मुफ्त शिक्षा |
सामाजिक न्याय | गरीबों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के हक में कई कदम |
भाषा | राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम को बढ़ावा |
इस रूपरेखा से स्पष्ट होता है कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने कार्यकाल में सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और उनका प्रभाव आज भी अनुभव किया जा रहा है।