शोभापुर: किसी मोहल्ले में पानी , बिजली , सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकता का होना नितांत आवश्यक है ताकि आम आदमी की तरह जीवन जिया जा सके । सुविधा युक्त कालोनियों में तो पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं मुहैया भी कराई जाती है लेकिन शोभापुर में कुछ कैलोनाईजरो का सोचना है कि घर बनाने की अभिलाषा रखने वालों से रुपए ऐंठ कर उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर दिया और ऐसी सोच के चलते शोभापुर की कोहानी रोड में स्थित बगीचा कालोनी जब से विवादों के कारण चर्चा में हैं जब से शुरुवाती तीन प्लॉट ही बेचे थे और बाद में कैलोनाइजर के अन्य हिस्सेदारों ने करीब 20 परिवारों को घर बनाने के लिए प्लॉट बेचे । माना कि खरीदने वालों से अनविज्ञता के चलते प्लॉट खरीदने में गलती हुई तो क्या ऐसे में वह घर से निकल नही पाए , निकलने का प्रयास करें तो उसके ऊपर मारपीट हो और धमकी दी जाए । बेचारे कालोनी वासी कानूनी मदद के लिए प्रशासन के पास गुहार लगाएं तो उन्हे तारीख पे तारीख देकर विवादों में उलझने को खुला छोड़ दिया जाये । जी हां उक्त कालोनी वासियों द्वारा बीते दो वर्षों में दर्जनों आवेदन , अनेकों जन सुनवाई सहित एसडीएम अखिल राठौर वा तहसीलदार से अनुनय विनय कर समस्या के समाधान की गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन अलमस्त प्रशासन अपने कालोनी वासियो की समस्या से बेखबर हैं ना जाने कहां मशगूल है ।
कालोनी वासी अभिषेक मेहरा सहित अन्य सभी परेशान लोगों ने हताश होते हुए अब गली गली प्रशासन की अनदेखी का रोना रोते फिर रहे हैं बाबजूद इसके प्रशासक बेफिक्र होकर उनके आशुओं को अनदेखा कर रहे हैं जो कि मानवता को शर्मसार करने जैसा है । गौरतलब हो कि बगीचा कालोनी वासी तीन हिस्सेदारों द्वारा अपनी पैतृक जमीन बेचकर बनाई गई थी जिसमे जमीन खरीदने वालों को एक प्रस्तावित रास्ता बताया था जो कि प्लॉट बेचने वालों द्वारा बेचने के बाद लोभ लालच के कारण मुकर जाने से समस्या उपजी है और अब भयंकर रूप ले चुकी है । प्रशासन द्वारा बीते माह जब रास्ता दिलाने का प्रयास किया गया था तो प्रशासन से ही कहासुनी हुई थी जिसके बाद प्रशासन की हिम्मत डगमगा रही है । और वह आयदिन नई नई तारीखें देकर समस्याओं को मज़बूत होने का समय दे रहे हैं । ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में जहां बारिश का पानी निकलने की जद्दोजहद कर रहा है वहीं इंसानों के निकलने का रास्ता ना होना यह बताता है कि प्रशासन अपनी जवाबदारी से भाग रहा है ।