ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति ने युद्ध लड़ने के तरीके को बदल दिया है।जय जवान के बाद जय विज्ञान,का दिया नारा आज मिलकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से युद्ध कौशल में आये बदलाव को बता रहा है । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में रक्षा क्षेत्र में रिसर्च के माध्यम से अब सीमित हथियारों से भी बढ़त हासिल की जा सकती है।यह बात भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एनसीएसटीसी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जय जवान.जय विज्ञान प्रदर्शनी में कही ।
सारिका घारू द्वारा इस प्रदर्शनी में ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय रक्षा प्रणालियों में जवानों के शौर्य के साथ विज्ञान के योगदान को दर्शाया गया।इसे अनेक नगरों तथा ग्रामों में दिखाया जा रहा है।इसमें राफाल, एल-70 एयर डिफेंस् सिस्टम़ जू-23 मिमी गऩ,शिल्का गऩ, एस-400 सुदर्शन वायु रक्षा प्रणाली के मॉडल को चलित मॉडल की मदद से शत्रु ड्रोन के मॉडल को नष्ट करने को ऑडियो के साथ दर्शाया गया ।
युद्ध में ड्रोन महत्वपूर्ण हथियार बन गया है।
सारिका ने कहा कि ड्रोन को युद्ध में इस्तेमाल के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बना दिया है।ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाल के ड्रोन युद्ध ने साबित कर दिया है कि लड़ाई हवा में होने का समय आ गया है। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान हमारे देश के ड्रोन विरोधी सिस्टम,पाकिस्तान के हमलावर ड्रोन की लहर को रोकने में सक्षम थे,भारत ने सीमा पर एंटी एयरक्राफ्ट गन तैनात की,एक्सटेन्सिव एयर डिफेंस अम्ब्रेला को सक्रिय किया तथा इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये आकाश तीर प्रणाली की मदद ली गई,जिसमें भारतीय रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी ड्रोन नष्ट किये।
सैन्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी।
सारिका ने बताया की अब
टैक्नालॉजी के साथ युद्ध के इस युग में महिलाओं की सैन्य क्षेत्र में भागीदारी भी बढ़ सकेगी।अब समय है जय जवान,जय विज्ञान का।
प्रदर्शनी में रखे गए मॉडल के बारे में जानकारी दी गई।
एल- 70 एयर डिफेंस् सिस्टम का फायर रेट 300 राउंड प्रति मिनिट से अधिक है और इसकी रेंज 3 से 4 किमी है।जू-23 मिमी गन में टिवन बैरल से प्रति मिनिट 4000 राउंड तक फायर कर सकती है।ये 2 किमी से अधिक तक फायर का घना घेरा बनाती है।शिल्का गन सिस्टम प्रति मिनिट 8000, राउंड तक का फायर कर सकता है।भारत की एस -400,सुदर्शन वायु रक्षा प्रणाली ने हवाई हमले को रोककर और उसे निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।