ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
डेंगू की रोकथाम को प्राथमिकता से लेते हुए लगातार सुरक्षा उपाए किए जा रहे हैं।ज़िले में डेंगू से बचने की हिदायत भी दी जा रही है,डेंगू की रोकथाम के लिए कलेक्टर नर्मदापुरम के निर्देशानुसार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में ज़िला कलेक्टर सोनिया मीना ने अपने काबिल अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है,जिसके तहत अपनी सुदृण कार्यशैली में निपुण डिप्टी कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य प्रभारी डॉ बबीता राठौर ने मोर्चा सँभालते हुए गुरूवार को जिला मलेरिया अधिकारी अरुण श्रीवास्तव एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ग्वालटोली क्षेत्र में घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा की सघन जांच की।
दो घरों में मिले डेंगू के लार्वा।
जांच के दौरान दो घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया,इतने सघन प्रचार प्रसार के बाद भी नागरिकों की इस अनदेखी पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए जिन घरों में लार्वा पाया गया,स्वास्थ्य प्रभारी बबीता राठौर ने उनके ऊपर 500/रुपए का जुर्माना करने के निर्देश दिए,और क्षेत्र के अन्य निवासियों को भी चेतावनी दी कि उनके घरों में भी अगर लार्वा मिलता है तो उनपर भी 500/रुपए का जुर्माना किया जाएगा।वहीं कुछ घरों के ऊपर टायर रखे पाए गए जिनको वहां से हटवाया गया।स्वास्थ्य प्रभारी ने कहा की ये दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है।डॉ बबीता राठौर ने बताया की पूरा ज़िला प्रशासन नागरिकों की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी पूरी ज़िम्मेदारी से कार्य कर रहा है,लेकिन नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी का बोध होना चाहिए।
स्वास्थ्य प्रभारी ने दी हिदायत।
सघन जांच अभियान में मोहल्ला वासियों को बताया की ऐसे स्थान जहां वर्षा काल में पानी का जमाव हो गया है एवं मच्छरों का लार्वा पनपने की संभावना है,उन्हें खाली करें।रुके हुए पानी में टीमोफॉस या घर में उपयोग होने वाला कोई भी तेल डाल दें। मोहल्ला वासियों को प्रचार सामग्री का वितरण भी किया गया,जिससे डेंगू से बचाव हो सके ।
क्या हैं बचाव के तरीक़े।
डेंगू के मच्छर घरों के आसपास जमा पानी कूलर, गमले,सीमेंट की टंकी,छत पर रखी टंकियों,मटके,टायर आदि में जमा पानी में पनपते हैं।डेंगू से बचाव हेतु उक्त तरह से आसपास पानी न जमा होने दें।रुके हुए पानी की निकासी करें।यदि निकासी संभव न हो तो मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डाल दें।शाम को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घर के खिड़की दरवाजे में मच्छर रोधी जाली लगाएं। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने कूलर टंकी आदि में भरा पानी आवश्यक रूप से खाली करें और उसे सुखाकर साफ स्वच्छ तरीके से रखें। बुखार आने पर मच्छरदानी में विश्राम करें।अधिक से अधिक पानी पिए तथा दर्द निवारक दवा का सेवन न करें।