भाजपा पार्षदों में तना-तनी, धर्मदास बेलवंशी के महत्वपूर्ण मुद्दे

कांग्रेस पार्षद ने प्रशासक काल की उठाई आडिट की मांग

 

भाजपा पार्षदों के बीच तना-तनी में कांग्रेस मिला मौका

 

सोहागपुर : नगर परिषद सोहगापुर में अध्यक्ष और पार्षदों के बीच हुए तना-तनी के चलते भाजपा पार्षदों की सतरंज की बिसात में कांग्रेस पार्षद धर्म दास बेलवंशी ने ढाई कदम चलकर सबको चौका दिया, 26 तारीख की नगर परिषद की हुई बैठक के दौरान भाजपा के पार्षद तो अन्य मुद्दों पर विरोध करते रहे, परंतु इंदिरा वार्ड पार्षद धर्मदास बेलवंशी ने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाकर सभी को चौंका दिया, महत्वपूर्ण जानकारी के साथ पार्षद धर्मदास द्वारा रजिस्ट्री के माध्यम से नगर प्रशासन से लेकर , राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री , राज्यपाल मध्य प्रदेश , कलेक्टर नर्मदापुरम , कमिश्नर नर्मदापुरम इत्यादि के माध्यम से पूर्व प्रशासक काल के दौरान की ऑडिट कराने की मांग की है। पार्षद के अनुसार नगर परिषद की ऑडिट 3-4 वर्षों से लंबित है, जो कि नियमित होनी चाहिए। पत्राचार के माध्यम से पूर्व प्रशासक काल के दौरान हुए कार्यों को लेकर लम्बा चौड़ा चिट्ठा नगर परिषद को भेजकर तत्कालीन समय में हुए कार्यों में निकाली गई राशि में गड़बड़ियों का अंदेशा जाहिर करते हुए कार्यवाही की मांग की है । पार्षद धर्मदास बेलवंशी ने पलकमती की खुदाई , विद्युत सामग्री घटिया एवम् कई गुना ज्यादा होने , उपयंत्री के बिना ठेकेदार द्वारा कार्य कराने संबंध , पूर्व वा वर्तमान के अनुसार प्रशासक काल में कई गुना डीजल खपत होने संबंधी , बीच मार्केट में डिवाइडर बनाने एवम् तोड़ने बाबत की जानकारी , गैरिज लाइन के नाम पर ग्राम पंचायत की जमीन पर खुदाई कर कई गुना राशि निकाले जाने , स्टेशन के पास फब्बारे का निर्माण , पोस्ट ऑफिस के पास साइड के बिना सड़क निर्माण को लेकर जानकारी मांगते हुए तत्कालीन प्रशासक एवम् तत्कालीन सीएमओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है ।

कांग्रेस को हुआ फायदा, 

धर्मदास बेलवंशी की भूमिका 

भाजपा के पार्षद जो वर्तमान में अभी विरोध कर रहे हैं उसका सीधा-सीधा फायदा अब कांग्रेस को होता दिखाई दे रहा है, एक महत्वपूर्ण बात यह भी कि जब 24 तारीख की बैठक का बहिष्कार किया गया था उसमें धर्मदास बेलवंसी के हस्ताक्षर नहीं थे और जानकारी में यही भी सामने आया कि धर्मदास बेलवंसी को इस बहिष्कार के दौरान कोई जानकारी ही नहीं दी गई, केवल 9 पार्षद अपने हस्ताक्षर कर बहिष्कार में शामिल हुए, बैठक को स्थगित कर जब 26 तारीख को बैठक आयोजित की गई उसमें 10 बिंदु शामिल थे, जिसमें सभी बिंदु चर्चा का विषय भी थे परंतु जैसा की पिछली खबरों में आपने देखा निजी स्वार्थ एवं कमीशन खोरी के चलते उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा नहीं हो पाई,

अध्यक्ष बनने की लालसा 

सूत्रों ने बताया कि शायद कुछ लोगों में अध्यक्ष बनने की लालसा भी है क्योंकि नगर परिषद चुनाव के दौरान काफी लोगों में भिन्न-भिन्न नाम सामने आए थे जो की अध्यक्ष बनने की दावेदारी कर रहे थे, परंतु बड़ा नाम श्रीमती लता यशवंत पटेल उभर कर आया श्रीमती लता यशवंत पटेल ने श्रीमती शशि संतोष मालवीय जो की चार बार नगर परिषद अध्यक्ष रह चुके उन्हें हराकर नगर में स्वत: ही अध्यक्ष की दावेदार बन गई, परंतु जो लोग शाम को अध्यक्ष मान रहे थे या दावेदार मान रहे थे उनके सपने चूर-चूर हो गए, हालांकि देखा जाए तो नगर परिषद चुनाव के बाद से ही हालांकि यह उभर कर तो नहीं आया परंतु मां मुटाओ जरूर रहा, जिसका परिणाम शायद विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला क्योंकि सुहागपुर नगर जो की भाजपा का गढ़ रहा है नगर से भी भाजपा को हर का सामना करना पड़ा।

क्या हो पाएगा समधान

जानकारी के अनुसार बैठक के बाद विधायक ठाकुर विजय पाल सिंह सोहागपुर पहुंचे एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, सूत्र बताते हैं कि परिषद में चल रही अफरा-तफरी को लेकर ठाकुर विजय पाल सिंह द्वारा वाद- संवाद किया गया, हालांकि अभी तक यह गोपनीय ही है की ठाकुर विजय पाल सिंह द्वारा पार्षदों से क्या चर्चा की गई या नहीं की गई।

पुष्पराज पटेल ने लगाया आरोप

संबंधित विषय पर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल भी आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा के पार्षद यदि विरोध कर रहे हैं तो सीधा-सीधा कमीशन का खेल है, और हमारे कांग्रेस के पार्षद विकास के कार्यों में नगर परिषद के साथ है और हमने बजट पर सहमति भी जताई क्योंकि हम विकास के कार्य में सहयोगी हैं, परंतु हमारे पांचो पार्षद इस कमीशन के खेल को पूरा नहीं होने देंगे और स्पष्टता से कम काम करेंगे।

क्या यह सच

पुष्पराज पटेल के बयान से प्रतीत होता है जैसे कि विगत खबरों में कहा गया था निजी स्वार्थ और कमीशन केवल यही एक महत्वपूर्ण मुद्दा सोहागपुर में बना हुआ है,

श्रीमती लता यशवंत पटेल नगर परिषद अध्यक्ष सोहागपुर 

जबकि नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती लता यशवंत पटेल का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि हम पार्षदों के साथ बैठक करने को एवं बात संवाद करने को तैयार है परंतु कोई पार्षद हमारे पास नहीं आ रहा है केवल बहिष्कार या विरोध कर रहे हैं जिसका कारण स्पष्ट नहीं है। और विरोध करभी रहे हैं या नहीं स्पष्ट नहीं है।

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