गोंडीमड़का ढाना में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा एवं शासकीय निर्माण पर अधिपत्य
गोंडीमड़का ढाना ग्राम जो कि क ग्राम पंचायत बिछुआ एवं जनपद पंचायत सोहागपुर के अंतर्गत आता है जहां वर्तमान सिवनी मालवा के नवल किशोर चौकसे जो की भू स्वामी बताए जा रहे हैं के द्वारा गांव के पास निजी भूमि के अलावा एकड़ों की भूमि पर जो की शासकीय है, कब्जा किया जा रहा है, जिसमें तहसीलदार श्रीमती अलका इक्का द्वारा नवल किशोर चौकसे को नोटिस भी दिया गया की भी तत्काल काम बंद करें जिसमें सिंचाई विभाग द्वारा कहा गया कि वह विभागीय भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं जिस कार्य तत्काल रोकने को लेकर नोटिस दिया गया, इसके बाद भी कार्य चलता रहा, पुनः सूचना मिलते ही अनुविभागीय अधिकारी बृजेंद्र रावत ने पहुंचकर फटकार लगाई, बरसाती नाला जिससे एक बड़े जलाशय में पानी भरता है जिस पर पुलिया निर्माण कर पानी को रोकने का एवं मोड़ने का प्रयास किया जा रहा था अतः एसडीएम बृजेंद्र रावत ने पुलिया तोड़ने के निर्देश भी दिए,
ग्रामीण पर गहराया जल संकट
वही ग्रामीणों ने बताया की एक शासकीय पुलिया जो की खेड़ापति माता मंदिर एवं गांव में एकमात्र जल स्रोत झरिया तक जाता था बीच में नाले पर निर्मित होनी थी परंतु तत्कालीन पंचायत सचिव साहब सिंह पटेल द्वारा कार्य आरंभ किया गया था जिसमें पुलियों की खरीदी की गई थी एवं कुछ कार्य भी आरंभ हो गए थे परंतु वर्तमान भू स्वामी नवल किशोर चौकसे द्वारा उस शासकीय पुलिया को कब्जे में कर लिया है एवं बाउंड्री के अंदर पुलिया दिखाई दे रही है पंचायत सचिव मनशुख धानक के अनुसार पुलिया निर्माण होना था परंतु हो नहीं पाई थी अब इस शासकीय पुलिया का भू स्वामी नवल किशोर चौकसे पूर्ण रूप से लाभ ले रहे हैं क्योंकि उन्होंने उस पुलिया पर आधिपत्य कर लिया, पूर्व भू स्वामी द्वारा ग्रामीणों के एकमात्र जल स्रोत झरिया एवं हैंडपंप तक जाने का पर्याप्त रास्ता था और बताते हैं कि यहां पर कोई तार फेंसिंग बाउंड्री नहीं बनाई थी, ग्रामीणों ने बताया कि हम और हमारे पूर्वज एक झरिया है एवं वहां पर शासकीय नाल भी है वहां से पीने योग्य पानी लाया करते थे परंतु अब वह कब्जे में जा चुकी है भू स्वामी नवल किशोर चौकसे कहते हैं कि यह भूमि मेरी है और उस पर बाउंड्री बना ली है ग्रामीणों को अब पीने योग्य पानी के लिए नवल किशोर चौकसे कब गेट खोलेंगे इसका इंतजार करना पड़ता है,
जलाशय से 700 किसानों को पानी मिलता है,
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक नाला जो कि वर्षों से बह रहा है एवं एक बड़े जलाशय में पानी पहुंचा कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है उसे भी अब कब्जे में कर लिया गया है और उसे पर स्टाफ डेम भी बनाया जा रहा है एवं उस नाले से पानी को मोड़ा भी जा रहा है इससे एक बड़े जलाशय में पानी का संकट भी सामने दिखाई दे रहा है इस बड़े जलाशय से क्षेत्र में पानी का जलस्तर बना रहता है एवं किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होता है,
मीडिया कर्मी जब इस कंट्रक्शन क्षेत्र को कवरेज करने के लिए पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 150 एकड़ के आसपास भूमि पर निर्माण चल रहा है और जंगल कटाई सहित क्षेत्र को नुकसान भी पहुंच रहा है।
विभाग द्वारा बताया गया कि ग्राम गौंडीमरकाढाना में सिंचाई विभाग की शासकीय भूमि ख.न. 15/2. 17, 18, 21, 22/1, 22/2, 23/24, 31.34 का भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 279/31-82/1980-81 में पारित अवार्ड दिनांक 24/09/1983 के माध्यम से किया गया है। अनावेदक द्वारा उक्त भूमि पर अवैधानिक रूप से मौके पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
सामान्य वन विभाग की एसडीओ श्रीमती रचना शर्मा द्वारा बताया गया कि हम निर्माण अधीन क्षेत्र में पहुंचे थे जहां निरीक्षण में हमने देखा कि वन विभाग की भूमि पर कोई निर्माण नहीं है एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की भूमि पर भी कोई निर्माण नहीं है वह एक निजी भूमि है जिस पर निर्माण हो रहा है वन विभाग की भूमि पर निर्माण नहीं हो रहा है।
अनुभाग्य अधिकारी बृजेंद्र रावत द्वारा कहा गया कि तत्काल ही उसे कब्जे को हटाया जाएगा एवं पुलिया को तोड़ा भी जाएगा।
क्योंकि वह जलाशय लगभग 700 किसानों के जीवन से जुड़ा हुआ है वहां से एक बड़ी संख्या में किसान अपनी कृषि कर पाते हैं।