नर बाघ को रेस्क्यू कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बोरी अभ्यारण्य के चूरना बाड़े में छोड़ा गया।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
भोपाल वन वृत्त के रायसेन वनमंडल में एक नर बाघ विगत तीन माह से विचरण कर रहा था।इस दौरान बाघ द्वारा ग्राम नीमखेड़ा निवासी एक व्यक्ति को वनक्षेत्र में तेंदुपत्ता तोड़ने के दौरान हमला कर मार दिया गया था।इसके अतिरिक्त इस बाघ के द्वारा वनक्षेत्र के निकट स्थित ग्रामों के 12 से अधिक पालतु पशुओं का शिकार किया जा चुका था।इसके परिणाम स्वरूप वनक्षेत्र से लगे स्थानीय ग्रामों के ग्रामीणों में बहुत अधिक भय व्याप्त था।अतएव इस बाघ को रेस्क्यू कर अन्यत्र वनक्षेत्र में मुक्त किया जाना अति आवश्यक हो गया था।इसके परिणाम स्वरूप डॉ0 अतुल कुमार श्रीवास्तव प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक म.प्र.भोपाल,एल.कृष्णमूर्ति क्षेत्रसंचालक,सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ,नर्मदापुरम एवं विजय कुमार वनमंडलाधिकारी, रायसेन के मार्गदर्शन में इस बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू किये जाने हेतु सतपुड़ा,टाइगर रिजर्व के डॉ0 गुरूदत्त शर्मा वन्यप्राणी चिकित्सक,एवं रेस्क्यू दल के अन्य सदस्य बसंत पाण्डे,पर्वत पासी, सुषील डाकरिया,प्रदीप शर्मा तथा वन्यप्राणी संरक्षण ट्रस्ट (WCT) के डॉ0 प्रशांत देशमुख वन्यप्राणी चिकित्सक,एवं उनके अधिनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों एवं हाथी गणेश, अनंती,हिमालय,शिवा, चंचलकली एवं उनके महावत सोनू परते,रामचरण गोंड, मटूक मरावी,धरमसिंह परते और नेतराम सरोटे पांच हाथियों की सहायता से बाघ के विचरण का सतत् अनुश्रवण किया गया।इसके पश्चात दिनांक 13.06.2024 को मध्यान्ह 02ः00 बजे रायसेन वनमंडल में पूर्व रायसेन परिक्षेत्र के अंतर्गत बीट-सुरई के वनक्षेत्र में उपयुक्त अवसर होने पर बाघ को ट्रंक्यूलाइज किया जाकर सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया,तथा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बोरी अभ्यारण्य के अंतर्गत स्थित चूरना बाड़े में दिनांक 14.06.2024 को रात्रि में 12ः15 बजे छोड़ा गया।

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