- ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
इस समय शहर में कई कॉलोनी काटी जारही हैं व्यापारी कॉलोनाइज़र और डेवलपर बन गए हैं।लेकिन सवाल ये हैै की ये कॉलोनाइज़र फ़ायदा कमाने के लिए कॉलोनी बनाकर प्लाट तो काट देते हैं लेकिन वे नियमों का पालन नहीं करते हैं।यह लोग भोले भाले लोगों को अपना आशियाने के ख़्वाब दिखाकर और अपने जाल में फंसाकर कॉलोनी में प्लाट उपलब्ध करा देते हैं,लेकिन सरकार की तरफ़ से रेरा के नियमों का पालन नहीं करते। और तो ओर अन्य सुविधाऐं भी उपलब्ध नहीं करते और उसके बाद जिन्होंने कॉलोनी में प्लाट लिया है या फिर मकान बनाया है वो अपने हक़ और न्याय पाने के लिए कलेक्ट्रेट और कोर्ट के चक्कर काटते रहते हैं, और ये प्लाट बेचकर अपना पलड़ा झाड़ लेते हैं।अक्सर देखा गया है की ऐसे कई शिकायत और मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, परेशान होकर अब कोर्ट ,कचहरी के चक्कर काट रहे हैं।शहर में ऐसी कई कालोनियां हैं जहां कॉलोनी वासियों को सुविधा नहीं मिल रही हैं और वे आए दिन शिकायत भी दर्ज करते हैं,लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती।
बिना सुविधाओं के नंदन ढाबे से पहले कट रही कॉलोनी।
डबल फाटक के आगे इटारसी रोड पर नंदन ढाबे से पहले एक कॉलोनी काटी जा रही है जिसमे रहवासियों के लिए नाली,और बिजली सप्लाई के लिए डीपी तक नहीं दी गई है बताया जा रहा है की ये कॉलोनी अभय सिंह नामक व्यक्ति और एक अन्य व्यक्ति की पार्टनरशिप में बिना मूल सुविधाओं के कट रही है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टी.एन सी.पी) एक एकड़ ज़मीन पर नहीं होती,
मात्र एक एकड़ ज़मीन पर दोनों ओर प्लाटिंग कर नक्शा बनाया गया है।नहर के ऊपर से सड़क बनाकर कॉलोनी को जोड़ा गया है।इसमें किसी प्रकार की कोई टीएनसीपी नहीं हुई है, क्यूंकि नियमानुसार ढाई एकड़ से कम एरिया की प्लाटिंग के लिए टीएनसीपी नहीं होती है।रेरा के नियम भी लागू नहीं होते हैं तो फिर किस प्रकार प्लाट काटकर मनमानी ढंग से लोगों को ठगा जा रहा है।
जमीन का लैंड यूज खेती का है,
परमिशन में परेशान होंगे लोग
यहां पर जो प्लाट काटे जा रहे हैं, उसकी जमीन का लैंड यूज़ भी खेती का है।मकान बनाने में लोगों को परमिशन लेते वक्त अनेकों परेशानीयों का सामना करना पड़ेगा।लेकिन कालोनाईजर यही खेल करते हैं।प्लॉट बेचकर रफू चक्कर हो जाते हैं और खरीदने वाले हैरान परेशान होकर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं।बुधनी के शर्मा बंधुओं ने मालाखेड़ी रोड पर जो मल्टी का निर्माण किया उसमें आज भी लोग कोर्ट और कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं।नियमों की अनदेखी कर कॉलोनी के लोगों को परेशान करने वाले कॉलोनाइज़र्स पर नए नियमों के अनुसार रासुका तक लगाई जा सकती है।फिर भी अपने पैसे के बल पर वह राजनीतिक प्रभाव दिखलाकर यह लोग मनमानी ढंग से काम करते हैं ।
शहर के कई कॉलोनीवासी होते हैं परेशान।
शहर में कई कॉलोनीवासी आए दिन सड़क,पानी,बिजली,साफ सफाई,सहित अन्य चीजों के लिए परेशान होते रहते हैं,लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। इसके साथ ही लोग पानी की समस्या से आए दिन जूझते हैं। कईयों बार लोग इसकी शिकायत भी शासन स्तर पर करते हैं लेकिन फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ता और लोग परेशान होते रहते हैं।