ताज ख़ान
नर्मदापुरम।
पूरा ज़िला प्रशासन जहां लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता को प्रभावी ढंग से लागू कराने की कोशिश में लगा है वहीं ख़ुद प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी ही उसका मखौल उड़ाते दिख रहें हैं,सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं,तो आम नागरिक कैसे उसका पालन करेगा। या कहें ज़िला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग का फ़रमान महज़ औपचारिकता बनकर रहगई है।आचार संहिता का अधिकारी कर्मचारी आए दिन उलंघन कर रहे हैं।इसके साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति भी नहीं है,इसके बावजूद बाहर के प्रदेशों में भी यात्राएं की जा रही हैं और आचार संहिता का पालन नहीं हो रहा है।जब जिम्मेदार ही ऐसा कर रहे हैं तो आम नागरिक की क्या बात है। हाल ही में एक मामला डोलरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ का सामने आया है।बीएमओ डॉक्टर राजेश मीना और सहकर्मी तवाबांध के पास पार्टी करते नजर आ रहे हैं,जहां खुल्लम खुल्ला आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही है।चुनाव आचार संहिता लागू है और डॉक्टर राजेश मीना एक होटल में 8 से 10 सी.एच.ओ महिला कर्मियों के साथ पार्टी कर रहे हैं, जमकर ठुमके लगाए जारहे हैं,और बोतल लहराकर डांस कर रहे हैं।साथ ही महिलाकर्मी भी मदमस्त ठुमके लगा रही हैं।सूत्रों द्वारा बताया गया की पार्टी में महिला कर्मियों में वित्रा राठौर सीएचओ
पांजराकलां,आरपी कुशवाहा,स्वयं बीएमओ डॉक्टर राजेश मीना,शिखा पांडे सीएचओ,आशा सोनपुरे मेहरागांव,और नेहा गोस्वामी शामिल हैं।इन सभी लोगों द्वारा आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही थी।यही नहीं बताया तो ये भी जा रहा है की डॉ मीना महाराष्ट्र की यात्रा पर भी पहुंचे थे,जबकि किसी भी वरिष्ठ अधिकारी को आचार संहिता के चलते मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है,फिर भी आदेश का उलंघन कर उसका पालन नहीं हो रहा है।अब देखना होगा की ज़िला प्रशासन इन डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई करता है या चुनाव आयोग का आदेश सिर्फ़ औपचारिकता बनकर रेहजाएगा, ये तो समय ही बताएगा।