संजय निरुपम का पलटवार: कांग्रेस पर कटाक्ष
मुंबई: पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को कांग्रेस के नेतृत्व पर कटाक्ष किया और अपने पार्टी से निकाले जाने को लेकर विवाद खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनकी ओर से इस्तीफा भेजने के बाद अनुचित कार्रवाई की और बेवजह ए-4 साइज के पेपर बर्बाद किए।
निरुपम ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकालने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, “कल रात मेरा इस्तीफा पत्र मिलने के तुरंत बाद उन्होंने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला किया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा।”
निरुपम ने पार्टी के खिलाफ हमला करते हुए कहा, “कांग्रेस पूरी तरह से बिखरी हुई है और पार्टी के नेताओं की विचारधारा दिशाहीन है। पहले कांग्रेस में एक पावर सेंटर था, लेकिन इस समय पांच पावर सेंटर हैं और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है।”
प्रेस कॉन्फ्रेस में निरुपम ने किया कांग्रेस को घेरा
निरुपम ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कांग्रेस को आलाकमान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैंने कल एक घोषणा की और लगभग 10:40 बजे मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है।”
सीट बंटवारे के मुद्दे पर क्या बोले थे निरूपम ?
मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बयान दिया था। निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को खुद को शिवसेना (यूबीटी) के सामने झुकने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। संजय निरुपम ने शिवसेना की सूची पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा था ‘वे मुंबई में पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और एक दान के रूप में कांग्रेस के लिए छोड़ देंगे। यह निर्णय मुंबई में कांग्रेस को खत्म करने के लिए है। मैं इस निर्णय की निंदा करता हूं।’
निरुपम का ठाकरे पर निशाना
निरुपम ने कहा कि ठाकरे ने एकतरफा उम्मीदवारों की घोषणा करके गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। कांग्रेस नेता ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर को प्रत्याशी बनाए जाने का भी विरोध किया। अमोल खिचड़ी ठेका घोटाले में आरोपी हैं और इसके लिए ईडी द्वारा उनकी जांच की जा रही है।
निरुपम के बारे में
निरुपम पूर्व शिवसैनिक थे, जिन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2009 में मुंबई उत्तर सीट से चुनाव लड़ा और जीता था। लेकिन 2014 में वे उसी सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी के खिलाफ हार गए थे।