यादे हुसैन में हुआ विशाल लंगर, सदभावना के प्रतीक मोहोर्रम में बड़ी सवारी पर उमड़ा जन सैलाब।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम //
मुस्लिम समाज के आख़री पैग़म्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहोतालाअलेही वसल्लम के नवासे मौला हुसैन इब्ने अली और 72जां निसारों की शहादत का महीना मोहर्रम बड़ी अक़ीदतो मोहोब्बत से मनाया जारहा है, इस अवसर पर नर्मदापुरम शहर सहित पूरे देश में अनेको आयोजन हो रहे हैं,इसी क्रम मे नर्मदापुरम में आज़ाद कमेटी ने बड़ी सवारी के पास भव्य शाही हुसैनी लंगर का आयोजन किया, कमेटी के अध्यक्ष गुलाम मुस्तफ़ा ने बताया की सन 60 हिजरी में कर्बोबला की तपती ज़मीन पर मौला हुसैन और असहाबे हुसैन ने भूंखे, प्यासे अपनी शहादत पेश की इसी उद्देश्य से सभी सदस्य बहुत अक़ीदत और मोहब्बत से शाही लंगर को बनाते हैं सारे अनाजो को सम्मलित कर इसे तैयार किया जाता है इसलिए इसे खिचड़ा कहते है, गुरूवार की रात 8 बजे से इसे बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई 24 घंटे की बनने की अवधि पश्चात शुक्रवार शाम 8 बजे से बड़ी सवारी के पास लंगर का वितरण किया गया,जिसमे नगर के कोने कोने और पूरे ज़िले से आये लोगों ने इसमे शामिल होकर धर्मलाभ अर्जित किया। इस पारम्परिक लंगर की मोहर्रम पर्व में अलग ही मेहत्व है और सदियों से मौला इमाम हुसैन पर आस्था रखने वाले सभी जात धर्म और संगठन के अनुयायी इसका आयोजन करते है जो वास्तविक हिन्दुस्तान की परंपरा वासुदेवकुटुंबकम्ब को साकार करता है।कार्यक्रम मे कमेटी के मोहम्मद शाकिर , फैज़ान उल हक़ ,गुलाम हैदर,सय्यद फारुख अली,मो जावेद,महताब ताजी, गुलाम हुसैन,फैज़ानखान ,मोहम्मद आमिर ,गुलाम अली,पंकज नामदेव,मोहम्मद उमर,नूर मुहम्मद ,राजिक मस्तान, जाबिर , गुलाम मुहम्मद ,शिवम साहू ,‌ गुलशेर ,परवेज़ फ़ाज़ली आदि उपस्तिथ मौजूद रहे।

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