खबर भारत वर्ष द्वारा प्रकाशित की गई थी खबर
27 जून को राजस्व विभाग की टीम द्वारा सरकारी गेहूं से भरे ट्रक कंटेनर की जांच कर किया गया था जप्त, मुखबिर की सूचना पर एसडीएम को दी गई थी जानकारी सिद्ध बाबा रोड पर ट्रैक्टर ट्राली एवं 407 के माध्यम से कंटेनर में सरकारी गेहूं की बोरियां रखी जा रही है, जिसके बाद एसडीएम अखिल राठौड़ के निर्देशन पर तहसीलदार अलका एकता द्वारा अपनी टीम के साथ रेलवे फाटक के पास ट्रक को पकड़ा जांच के बाद देखा गया कि ट्रक में स्टेट सिविल सप्लाई, उचित मूल्य की दुकान लिखा है, सफेद प्लास्टिक की बोरियां जिसमें गेहूं भरा हुआ है एवं सिलाई लाल धागे से की गई है,
27 जून को जप्त कंटेनर पर 4 जुलाई को एसडीएम अखिल राठौर द्वारा 6 सदस्य जांच दल गठित किया गया जो कि 7 जुलाई जांच रिपोर्ट एसडीएम अखिल राठौड़ को सौंपागा। महाराष्ट्र पुणे तक गेहूं परिवहन का ट्रांसपोर्ट कंपनी को 40 हजार भुगतान किया जाना था जिससे यह प्रतीत होता है कि अधिक भाड़े के लालच में ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा अपना ट्रक उपलब्ध कराया गया।
जैसे ही सरकारी गेहूं से भरे कंटेनर ट्रक को प्रशासन ने जप्त किया तो भ्रष्टाचारी कोसों दूर हो गए कोई भी अपनी जिम्मेदारी या मालिकाना हक के लिए सामने नहीं आ रहा है, आता है इस गंभीर मामले की जांच विशेष तौर से की जानी चाहिए जिससे भ्रष्टाचारी सामने आए।
नियमानुसार इन सरकारी पीडीएस की बोरियों को बाजार में क्रय-विक्रय हेतु प्रतिबंधित किया गया है, तहसीलदार अलका एक्का द्वारा बताया गया था कि जप्त किये गए कंटेनर में किसी भी प्रकार के दस्तावेज ट्रक ड्राइवर या संबंधित के पास गेहूं परिवहन संबंधित दस्तावेज मौजूद नहीं थे, एवं ना ही अब तक उपलब्ध कराए गए हैं। जब मामला शीशे की तरह साफ था तो हफ्ते भर बाद जांच दल क्यों गठित किया गया जबकि जांच दल दूसरे दिन ही गठित किया जा सकता था |
इस बीच कांग्रेस जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल द्वारा किसान नेता कक्का जी के ऊपर गंभीर आरोप लगाए, हालांकि अभी कई प्रश्नों के जवाब बाकी है |