विश्व आदिवासी दिवस पर सोहागपुर में धूमधाम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह
सोहागपुर।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शनिवार को स्थानीय सोहागपुर उपमंडी प्रांगण में विकासखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारंपरिक उल्लास और गरिमा के साथ आयोजन किया। कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति, परंपरा और गौरव को प्रदर्शित करते हुए लोक नृत्य, डंडा नृत्य और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियों ने माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया।
सांस्कृतिक रंग में रचा-बसा आयोजन
कार्यक्रम का शुभारंभ छोटी-छोटी बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत आदिवासी लोक नृत्य से हुआ, जिसने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। इसके बाद पारंपरिक डंडा नृत्य और गीतों की प्रस्तुतियों ने आयोजन को और भी जीवंत बना दिया। मंच से आदिवासी समाज की एकता, अधिकारों और शिक्षा की आवश्यकता पर प्रेरक संदेश दिए गए।
मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान
क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के मेधावी छात्र-छात्राओं को अतिथियों द्वारा शाल एवं प्रतीकचिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना और उनकी उपलब्धियों का गौरवपूर्ण उल्लेख करना था।
अतिथियों की उपस्थिति और संबोधन
मंच पर जनपद अध्यक्ष जालम सिंह पटेल, नगर परिषद उपाध्यक्ष आकाश रघुवंशी, कांग्रेस नेता पुष्पराज सिंह पटेल, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशवंत सिंह पटेल, पर्यावरण डायरेक्टर सौरव अग्रवाल, वन परिक्षेत्र अधिकारी कैलाश उईके, खेत सिंह सारठिया, सुरेखा शाह, रविशंकर उईके, तुलसीराम भल्लवी, बारेलाल दर्षिमा, अधिवक्ता विक्रम परते सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने दूरभाष पर शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए रक्षाबंधन और विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में अमेरिका की नीतियों की आलोचना करते हुए आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।
कांग्रेस नेता पुष्पराज पटेल ने आदिवासी क्षेत्रों की भूमि आदिवासियों को लौटाने और नया कूकरा में सरकारी कॉलेज खोले जाने की मांग रखी।
नगर भ्रमण के साथ हुआ समापन
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद उपमंडी प्रांगण से एक भव्य शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई मंगल भवन पहुंची, जहां कार्यक्रम का समापन हुआ।
आदिवासी विकास परिषद की पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष बलराम उईके, राजेन्द्र उईके, मंगल सिंह ठाकुर, अंकित कुबरे, मुकेश तेकाम, कन्छेदी लाल उईके और भगवान दास इरपाचे सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने आयोजन की सफलता में सक्रिय योगदान दिया। मंच संचालन मंगल सिंह ठाकुर एवं राजेन्द्र उईके ने किया।
- यह आयोजन न केवल आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन था, बल्कि समाज के विकास और शिक्षा के महत्व का भी सशक्त संदेश लेकर आया।