हर्ष मीणा की मौत समाज का आक्रोश पुलिस की सतर्क ख़ामोशी।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
नर्मदापुरम ज़िले को अपनी तरफ आकर्षित करती अंधकारमय 18 वर्षीय युवक हर्ष मीणा की मौत की कहानी हर चौक चौराहों की चर्चा का विषय बनी हुई है। हासलपुर गांव के युवक का शव होरियापीपर गांव में एक खेत में मिलने से सनसनी फैल गई।शव को पहले इटारसी पुलिस ने अपनी कस्टडी में लिया और फ़िर जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए लाया गया तभी से जिला चिकित्सालय पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।परिजनों और समाज के लोगों ने शव को लेने से मना करते हुए हत्या की आशंका के चलते अपना कड़ा विरोध प्रदर्शन किया।

यूवक के पिता का केहना है।

यूवक के पिता के अनुसार उन्हें बेटे की हत्या की आशंका दिखाई दे रही है, क्योंकि वह होरियापीपर अपनी दोस्त से मिलने गया था,तभी से वह गायब था जिसके बारे में हमने देहात टी.आई को पूरी जानकारी दे दी थी।हमें जिन लोगों पर शक था उनका नाम भी पुलिस को बताया था उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।हम संबंधित आरोपियों के साथ ही पुलिस स्टाफ पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।इस बीच अपने बेटे का शव ज़िला चिकित्सालय में ही रख वापस नहीं लेने की बात सामने आई।पूरा मीणा समाज अक्रोशित होकर इकट्ठा हो गया है।

ज़िले की नज़र महकमें पर है।
पूरे मामले मे ज़िले की नज़र अब महकमें के अपने सबसे तजुर्बेकार कप्तान ज़िला पुलिस अधीक्षक गुरकरन सिंह पर टिकी हुई है।जिनके बारे में कहा जाता है कि अब तक ज़िले में कहीं भी कोई अंधकारमय वारदात हुई है तो उस वारदात के घटने के तुरंत बाद पुलिस कप्तान की दस सरों वाली सोच एक्टिव हो जाती है।इस बात की बानगी का प्रमाण कई डार्कशैडो क्राइम को सुलझाने में दिखाई दे चुका है।ख़ुद महकमें के आला अधिकारी मानते हैं कि कैप्टन की सोच क्रिमिनल की आखिरी स्टेप तक को भांप लेती है,चाहे वह माखन नगर(बाबई) तहसील में हुई बुजुर्ग महिला के अंगों को काटकर गहनों की चोरी ही क्यों ना हो इसी कई घटना उनकी आगोश में हैं।अभी तक पुलिस कप्तान की खामोशी यह बता रही है कि उनकी नज़रें वह सब तलाश कर रही हैं जो नजरों से ओझल है।इन सब के बावजूद कप्तान ने अपनी टीम को लाश मिलने के बाद से ही हाईअलर्ट मोड में रखा हुआ है,जो बताता है कि कानून व्यवस्था के साथ कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा,चाहे दबाव जो भी हो और कसूरवार जो होगा वही सामने आएगा बेकसूर को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

इनका कहना है।
मामला काफी गंभीर है जिसे पूरी एकाग्रता और शांति के साथ पुलिस को डील करना होगा।यहां इस मामले में कई एंगल मिल रहे हैं,सच ढूंढने के लिए मेहनत लगेगी,और एक अलग सोच की जरूरत पड़ती है।मामला बहुत सेंसिटिव है,जिसे यकीनन पुलिस अपनी काबिलियत के दम पर सुलझा लेगी
वरिष्ठ पत्रकार
सुधांशु मिश्र
हमारा निशाना डॉट कॉम।

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