सोहागपुर विधानसभा :- कशमकश में भाजपा , विकास दिलाएगा जीत, या अपनों से होगा नुकसान

राजनितिक विश्लेषण :- सोहागपुर विधानसभा

रुपेश कुमार : सोहागपुर

कशमकश में भाजपा , विकास दिलाएगा जीत, या अपनों से होगा नुकसान

नवंबर 2023 में जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वही अब राजनीति पीक पर है, यदि बाद भाजपा की जाए तो भाजपा चुनाव जीतने के बाद ही अगले चुनाव की तैयारी में लग जाती है अर्थात अगर देखा जाए तो भाजपा पांचों साल चुनाव की तैयारी में लगी रहती है, विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब भाजपा अलग-अलग तरह से चुनाव की तैयारी में लगी हुई है, भाजपा द्वारा हर गांव ग्राम पंचायत वार्ड में भाजपा के मंडल निर्मित होने लगे हैं, उदाहरण के रूप में अगर देखा जाए तो किसान मोर्चा, युवा मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ, मीडिया प्रभारी, आदि। 

यदि परिस्थिति को देखा जाए एवं चुनाव की तैयारी को देखा जाए तो 2023 में मध्यप्रदेश में भाजपा पुनः जीत स्थापित कर सकती हैं, एवं दूसरी ओर पंचायत चुनाव में भी भाजपा समर्पित सरपंच एवं जनपद सदस्य जीत कर आए हैं, कई जिलों में अगर देखा जाए तो जनपद एवं नगर पालिका, परिषद, निगम पूर्ण रूप से भाजपा के कब्जे में है। अब यह पूरी स्थिति में भाजपा हर क्षेत्र में मजबूत दिख रही है। यदि मध्यप्रदेश में भाजपा की अन्य गतिविधि देखते हैं तो क्षेत्रीय विधायक वर्षभर जनसंपर्क करते हैं, गांव, ग्राम पंचायत या वार्डों भ्रमण करते हैं या कर रहे हैं। एक प्रश्न यह भी सामने आता है कि क्या भाजपा के विधायक आसानी से जनता को उपलब्ध हो जाते हैं ? तो जवाब में स्पष्ट रूप से उनके कार्यकर्ता हो या किसी के पास विधायक का मोबाइल नंबर हो या फिर किसी सभा, कार्यक्रम या विधायक कार्यालय पर या निवास पर तो भाजपा के विधायक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। 

भाजपा सरकार मध्यप्रदेश में 18 वर्ष पूरे कर रही है तब योजनाओं पर भी चर्चा की जा रही है। 

 क्या योजनाओं का लाभ सही से आम जनता तक पहुंच रहा है ? और क्या योजनाएं आम जनता के लिए लाभदायक है ?

तो संबल योजना, बिजली बिल माफी योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जिसमें प्रदेश द्वारा भी 40% की राशि दी जाती है, जननी सुरक्षा योजना, मातृ वंदना योजना, लाडली बहना योजना और कई योजनाओं की घोषणा भी हो रही है। विकास यात्रा में भाजपा गांव-गांव पहुंच रही है और योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रही है। तो क्या 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत हासिल कर पाएगी, जबकि अब भाजपा में भी गुटबाजी देखने को मिल रही है। हालांकि भाजपा निरंतर कांग्रेश पर यह गुटबाजी का आरोप लगाती रही है, वहीं स्थानीय प्रत्याशी की चर्चा भी सामने निकल कर आ रही है हालांकि ठाकुर विजय पाल सिंह ने सोहागपुर विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद ही अपना घर बना लिया और वे स्थानीय नेता के श्रेणी में है।

भाजपा से विधायक की दावेदारी के लिए नाम अब उभर के दिखने लगे हैं।

सोहागपुर विधानसभा में दावेदारों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है जिससे अब भाजपा में भी गुटबाजी देखने को मिल रही है, हालांकि भाजपा नेता गुटबाजी को हमेशा नकारते रहे हैं।

हालांकि दावेदारों की गिनती खत्म नहीं हो रही परंतु अन्य दावेदार सोहागपुर माखन नगर विधानसभा में अपनी पहचान नहीं रखते हैं। महत्वपूर्ण विषय तो यह भी हैं, सोहागपुर-माखन नगर विधानसभा में ठाकुर विजय पाल सिंह से मजबूत चेहरा है। दावेदारी विधायक ठाकुर विजय पाल सिंह के अलावा अन्य लोगों ने भी की परंतु इस परिस्थिति में कि यदि ठाकुर विजय पाल सिंह सोहागपुर माखन नगर विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो, पर यदि ठाकुर विजय पाल सिंह पुनः सुहागपुर माखन नगर विधानसभा से प्रत्याशी होते हैं तो सभी पार्टी के लिए कार्य करेंगे।

पिछले चुनाव पर एक नजर

2018

विजयपाल सिंह भाजपा को कुल वोट मिले 87,488 , विजय हुए जीत का अंतर 11,417 रहा था।

सतपाल पलिया कांग्रेस कुल वोट मिले 76,071 

2013

विजयपाल सिंह भाजपा कुल वोट मिले 92,859 , जीत का अंतर 28,891 रहा था, 

निणवीर सिंह गालचा कांग्रेस कुल वोट मिले 63,968 

2008

विजयपाल सिंह भाजपा कुल वोट मिले 56,578, जीत का अंतर 16,541 रहा था।

मेहरबान सिंह पटेल कांग्रेस कुल वोट मिले 40,037

2003

मधुकरराव हर्णे भाजपा कुल वोट 28 हजार से विजय हुए थे, 

सविता दीवान शर्मा कांग्रेस को पराजय हुई थी।

ठाकुर विजय पाल सिंह

ताकत – ठाकुर विजय पाल सिंह 2008 से लेकर 2018 तक के विधानसभा चुनाव में विजय रहे हैं, विकास कार्यों की यदि बात की जाए तो विधानसभा में लगभग हर एक गांव को सड़कों के माध्यम से शहर से जोड़ने का काम किया है, वर्तमान में ओवर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज पूरी विधानसभा में बायपास हाईवे, एवं योजनाओं की बात की जाए तो हमने विस्तार से ऊपर आपको बताया है। क्षेत्र में कई विकास कार्य जैसे सड़क, स्कूल, सीएम राइस स्कूल, खेल मैदान स्टेडियम, पलक मति जीर्णोद्धार, विधायक ठाकुर विजय पाल सिंह सीधे तौर पर कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं, यदि देखा जाए तो कोई भी कार्यकर्ता हो या जनसामान्य, आम आदमी ठाकुर विजयपाल सिंह से सीधे मिल सकता है, और सीधे फोन पर बात भी कर सकता है। विकास यात्रा के दौरान कई बड़ी ग्राम पंचायतों में हजारों की संख्या समर्थन में खड़ी दिखी, भारतीय जनता पार्टी के अनुसार सोहागपुर-माखन नगर में एक भी ऐसा परिवार नहीं जो भारतीय जनता पार्टी की किसी भी योजना का लाभ ना ले रहा हो, हर परिवार किसी ना किसी योजना से लाभान्वित हो रहा है। 

कमजोरी – पार्टी में आपसी मतभेद, भारतीय जनता पार्टी में अब बहुत अधिक कार्यकर्ता हो चुके हैं, जिसके कारण आपसी मतभेद भाजपा में देखने को मिल रहा है। 

राजीव जयसवाल

ताकत – राजीव जयसवाल पिपरिया नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं, किसी भी विवादित विषयों पर आपका नाम सामने नहीं आया है। राजीव जायसवाल के पिता हरिशंकर जयसवाल दो बार विधायक रहे चुके साथ ही जिला अध्यक्ष के रूप में भी हरिशंकर जयसवाल का कार्यकाल भाजपा के अनुसार सराहनीय रहा है। राजीव जयसवाल जानकारी के अनुसार सोहागपुर-माखन नगर से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, राजीव जयसवाल नगर पालिका अध्यक्ष रहे, अपने कार्यकाल में उन्होंने पिपरिया में कई विकास कार्य एवं निर्माण कार्य कराएं एवं भाजपा सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का कार्य भी किया। 

कमजोरी – राजीव जायसवाल की दावेदारी जायज, परंतु एक बाहरी प्रत्याशी को नए सिरे से स्वयं को स्थापित करना थोड़ा कठिन हो सकता है |

गिरजा शंकर शर्मा

ताकत – गिरजा शंकर शर्मा पूर्व विधायक नर्मदापुरम, हालांकि बाहरी प्रत्याशी हैं, परंतु जब गिरजा शंकर शर्मा नर्मदापुरम विधायक थे तो सोहागपुर का एक बड़ा हिस्सा आपकी विधानसभा के अंतर्गत आता था, कार्यकर्ताओं के साथ अपने कार्यकाल के दौरान गहरे संबंध रहे है।

कमजोरी – गिरजा शंकर शर्मा अपनी दावेदारी के लिए जायज है, परंतु विगत वर्षों से सोहागपुर माखन नगर विधानसभा में उपस्थिति आम जनता के सामने नहीं आई है, ना ही गिरजा शंकर शर्मा मीडिया या सोशल मीडिया के सामने प्रत्यक्ष किसी भी बयान को लेकर सामने आए हैं।

सुरेश पटेल उर्फ भाई साहब पटेल

ताकत – सुरेश पटेल उर्फ भाई साहब पटेल भारतीय जनता पार्टी के दो बार के जिला उपाध्यक्ष हैं, जनपद सदस्य भी हैं, एवं मध्य प्रदेश, प्रदेश स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ भी रखते हैं। स्वच्छ छवि एवं एक समाजसेवी के रूप में आम जनता ने स्वीकार किया। सांकला बाढ़ ग्रस्त परिस्थिति में आम जनता के सहयोग मे सराहनीय योगदान रहा। एवं भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता भी हैं। सुरेश पटेल की पारिवारिक रिलेशन प्रदेश स्तर तक अपनी पहचान रखते हैं।

कमजोरी – केवल एक क्षेत्र में विशेष पहचान और या विधानसभा स्तर पर पारिवारिक रिश्तो के साथ अपनी पहुंच पकड़ रखते हैं, हालांकि सोहागपुर- माखन नगर विधानसभा बहुत बड़ी है।

जालम सिंह पटेल

ताकत – जालम सिंह पटेल जनपद पंचायत अध्यक्ष सोहागपुर, अपने अध्यक्ष बनने के बाद से ही निरंतर जनसंपर्क कर रहे हैं, पंचायत की सभी योजनाओं का लोकार्पण एवं भूमि पूजन में भाग ले रहे हैं, जनपद पंचायत संघ प्रदेश अध्यक्ष भी चुना गया है, अध्यक्ष बनने के बाद गांव-गांव जालम सिंह पटेल का स्वागत किया गया। अपने अध्यक्ष बनने से पहले एवं अध्यक्ष बनने के बाद समाजसेवी एवं मददगार के रूप में ही आपकी छवि विशेष रही है। विकास यात्रा मैं आप का विशेष योगदान रहा। 

कमजोरी – जालम सिंह पटेल का सरल स्वभाव होने के कारण अन्य लोग जनपद पंचायत में हस्तक्षेप करते दिखाई दे रहा है, सरपंच एवं पंचायत सचिवों के बीच आपसी संबंध ठीक नहीं है, जालम सिंह पटेल के लिए यह भी एक बड़ा विषय। चौक चौराहों की चर्चा में एक विषय यह भी निकला है कि एक समुदाय विशेष द्वारा ही स्वागत सम्मान समारोह हो रहे हैं। 

बलराम बैस

ताकत – बलराम बैस एक समाजसेवी की भूमिका में एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान रखते हैं। बलराम बैस की धर्मपत्नी सरिता बैंस वर्तमान में नगर पालिका पार्षद भी है। निरंतर सोशल मीडिया पर उत्साहवर्धन कार्यक्रम जैसे क्रिकेट एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण उपस्थिति देखी जा रही है। सामाजिक कार्यों में भागीदारी और जनसंपर्क एवं लोकप्रियता में श्रेष्ठ हैं। ठाकुर विजय पाल सिंह विधायक के काफी करीबी मित्र भी माने जाते हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में ठाकुर विजय पाल सिंह के लिए महत्वपूर्ण प्रचार बलराम बेस के द्वारा किया गया था।

कमजोरी – बलराम बैस अपनी दबंग छवि से भी जाने जाते हैं, एवं सोहागपुर की राजनीति में कोई विशेष हस्तक्षेप नहीं हैं, हालांकि बलराम बैस किसी पहचान के मोहताज तो नहीं परंतु आम जनता में बलराम बैस को विधायक के रूप में देखा जाना स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा।

ललित पटेल

ताकत – ललित पटेल भाजपा मंडल अध्यक्ष शोभापुर, क्षेत्र में अपनी बड़ी पहचान रखते हैं और अपने मंडल में निरंतर जनसंपर्क भी रखते हैं, ललित पटेल के पारिवारिक रिश्ते शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री से घनिष्ठ बताए जाते हैं। 

कमजोरी – केवल अपने ही मंडल क्षेत्र में अपनी पहचान रखते हैं, हालांकि रिश्ते एवं रिश्तेदारी की बात की जाए विधानसभा स्तर पर ठीक है। जबकि सोहागपुर माखन नगर विधानसभा बड़ी विधानसभा है जिसमें नर्मदापुरम-केसला जनपद पंचायत भी शामिल है। 

राघवेंद्र रघुवंशी

ताकत – राघवेंद्र रघुवंशी जनपद पंचायत उपाध्यक्ष एवं मंडल अध्यक्ष सोहागपुर राघवेंद्र रघुवंशी बारंगी पंचायत से सरपंच भी रहे हैं, एवं अपने जनपद वार्ड से एक बड़े मार्जन से विजय भी हुए हैं। जनसंपर्क की बात की जाए तो राघवेंद्र रघुवंशी अपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान से ही जन सामान्य से जुड़े हुए हैं। एवं बारंगी गांव में राघवेंद्र रघुवंशी के परिवार का नाम क्षेत्र में जाना जाता है। राघवेंद्र सिंह रघुवंशी के परिवार की बात की जाए तो विधानसभा स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं।

कमजोरी – राघवेंद्र रघुवंशी भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्ष सोहागपुर हैं, हालांकि भारतीय जनता पार्टी एक चुनाव खत्म होते ही दूसरे चुनाव की तैयारी में लग जाती है, परंतु बताया जाता है कि राघवेंद्र रघुवंशी भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष का कार्यकाल बहुत अच्छा नहीं रहा। 

माधव दास अग्रवाल

ताकत – माधव दास अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष, एवं भारतीय जनता पार्टी में निरंतर सक्रिय एवं हर कार्यक्रम में पहुंचे, साथ ही स्वच्छ छवि रखते हैं, एवं प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ भी रखते हैं, यदि भारतीय जनता पार्टी की नजर से देखा जाए तो माधव दास अग्रवाल एक सफल जिला अध्यक्ष साबित हुए हैं। 

कमजोरी – माधव दास अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष परंतु सोहागपुर माखन नगर विधानसभा में जन सामान्य से सीधा नाता नहीं है, वहीं पिपरिया में जिला अध्यक्ष के खिलाफ कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। जबकि माधव दास अग्रवाल पिपरिया के निवासी हैं।

वंदना गोविंद मेहरा

ताकत – वंदना गोविंद मेहरा पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी में जिला मंत्री हैं, शोभापुर मंडल में वंदना गोविंद मेहरा जन सामान्य से जुड़ी है, शोभापुर मंडल क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी चुनावी रणनीति वंदना गोविंद मेहरा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

कमजोरी – श्रीमती वंदना गोविंद मेहरा का जनसंपर्क विधानसभा स्तर पर नहीं है |

अंजनी पटेल

ताकत – अंजनी पटेल भारतीय जनता पार्टी में अपनी एक बड़ी पहचान रखते हैं साथ हअंजनी पटेल के पिता नारायण पटेल की भारतीय जनता पार्टी मंडल अध्यक्ष रहे, अंजनी पटेल भी भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष रहे, विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण बदलने में सक्षम हैं, एवं शोभापुर ग्राम पंचायत के आसपास कई बड़ी ग्राम पंचायत हैं जिन पंचायतों में अपनी पहचान रखते हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यक्रम में अंजनी पटेल की उपस्थिति देखी जा सकती है।

कमजोरी – अंजनी पटेल जनसामान्य तक पहुंच है परंतु केवल कुछ सीमित क्षेत्र तक जबकि सोहागपुर-माखन नगर विधानसभा में लगभग 146 ग्राम पंचायत आती हैं |

प्रसन्न हर्णे

ताकत – प्रसन्न हर्णे भारतीय जनता पार्टी में जिला महामंत्री हैं, एवं जिला के उपाध्यक्ष भी रहे हैं, प्रसन्न हर्णे के पिता मधुकरराव हर्णे 2003-04 चुनाव में सोहागपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं, जानकारी के अनुसार 2023 विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।

कमजोरी – प्रसन्ना हर्णे का संपर्क सोहागपुर माखन नगर विधानसभा से कुछ खास नहीं रहा है, जबसे मधुकरराव हर्णे दादा नर्मदापुरम पहुंचे हैं, उसके बाद से प्रसन्ना हर्णे सोहागपुर में खास उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाए, हालाकी स्वामी विवेकानंद संगठन के माध्यम से सुहागपुर में जन संपर्क करने की कोशिश की गई थी परंतु कुछ समय बाद वह भी रुक गई।

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