सोनम वांगचुक क्यों जाना चाहते हैं चीन बॉर्डर , समझिए चीनी घुसपैठ के खिलाफ 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च का ऐलान क्यों किया |
लेह में धारा 144 लागू, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
लेह: लद्दाख के जिला लेह में शुक्रवार को धारा 144 लागू कर दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। लेह पुलिस ने बताया कि डीएम के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वांगचुक के पश्मीना मार्च से दो दिन पहले लगी 144
वांगचुक: लद्दाख के पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में शामिल करने को लेकर आंदोलनरत पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के सात अप्रैल को चांगथांग क्षेत्र में पश्मीना मार्च निकालने से दो दिन पहले धारा 144 लागै गई है। वांगचुक की 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी। इसके बाद महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की गई है। अब युवा अनशन पर बैठेंगे। वांगचुक शुक्रवार को लेह में अनशन स्थल पर पहुंचे। यहां से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश की जा रही है।
सोनम वांगचुक के आंदोलन से क्या संबंधित प्रश्न हैं?
- सोनम वांगचुक क्यों जाना चाहते हैं चीन बॉर्डर?
- क्या चुनाव में विपक्ष को बड़ा हथियार मिल गया?
सोनम वांगचुक के आंदोलन से संबंधित उत्तर:
- सोनम वांगचुक लद्दाख के चारागाह क्षेत्रों में कथित चीनी घुसपैठ के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं। वह चीनी अतिक्रमण को खुलासा करने के साथ साथ लद्दाख को राज्य के दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
- उनके आंदोलन ने विपक्ष को बड़ा हथियार मिला है क्योंकि यह भाजपा सरकार को निशाने पर ले रहा है और उनके आंदोलन से लोगों में भाजपा के खिलाफ भावना बढ़ रही है।
प्रकाश राज और अखिलेश यादव के बयान:
- बॉलीवुड अभिनेता प्रकाश राज ने सोनम वांगचुक का समर्थन किया और उनके साथ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने भी बीजेपी के खिलाफ आंदोलनरतों की जिद की है और उनके वादे को लेकर सवाल उठाए हैं।
- समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी सोनम वांगचुक का समर्थन किया और उनके आंदोलन को आवाज दी। उन्होंने बीजेपी के खिलाफ भी आपत्ति जताई और उनकी वादों की जांच की मांग की।
विस्तार से पढ़ें:
- लेह में धारा 144 लागू, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
- वांगचुक के पश्मीना मार्च से दो दिन पहले लगी 144
- सोनम वांगचुक के आंदोलन से क्या संबंधित प्रश्न हैं
निर्देशिका:
- इस लेख में लेह में धारा 144 लागू किए जाने, सोनम वांगचुक के पश्मीना मार्च पर धारा 144 लागू किए जाने, उनके आंदोलन से संबंधित प्रश्न और उत्तर, और प्रकाश राज और अखिलेश यादव के बयानों को समाहित किया गया है।
आंदोलन के और महत्वपूर्ण पहलुओं का विस्तार:
- भूमि संघर्ष: वांगचुक ने अपने आंदोलन में लद्दाख के पर्यावरण और भूमि संरक्षण के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर में चीन के अतिक्रमण और दक्षिण में औद्योगिकीकरण के कारण लद्दाख की मूल्यवान भूमि सिकुड़ रही है।
- अनशन का महत्व: उनका 21 दिनों का भूख हड़ताल और उसके बाद भी चलाए गए प्रदर्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह उनकी जनसांख्यिकीकरण को बढ़ावा देता है और उनके मुद्दे को सार्वजनिक ध्यान में लाता है।
- राजनीतिक प्रभाव: उनके आंदोलन ने विपक्ष को बड़ा हथियार प्रदान किया है। इससे भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ा है और लोकतंत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा मिला है।
- सामाजिक एकता: वांगचुक के आंदोलन ने लद्दाख की सामाजिक एकता को मजबूत किया है। उनके समर्थन में बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक नेताओं तक कई लोग उनके साथ खड़े हो गए हैं।
आगे की कार्रवाई:
वांगचुक का आंदोलन अभी भी जारी है, और उनकी टीम ने घोषित किया है कि वे अपने मुद्दे पर दबाव जारी रखेंगे। उन्होंने चांगथांग तक मार्च का आयोजन किया है और अपने मांगों के लिए सार्वजनिक ध्यान को आकर्षित किया है। इसके अलावा, राजनीतिक दलों को भी उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।