सीएम राइज स्कूल की बसों में ओवरलोडिंग का शिकार हो रहे हैं बच्चे।कमिश्नर,कलेक्टर के आदेश भी हुए बे असर।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
शिक्षा और शिक्षण संस्थानों को लेकर हर रोज़ नए-नए दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं,चाहे वह बच्चों के कांधों पर वजनी स्कूल बैग हों या बच्चों के आवागमन में लगे वाहनों को लेकर हो,लेकिन सारी कवायदें भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ जाती हैं।ऐसा ही मामला सरकार के द्वारा संचालित सी.एम.राइज स्कूल पवारखेड़ा और इटारसी का सामने आया। स्कूल में समाया कंपनी ने एकाधिकार कर बसें लोकल ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध पर लगाए हैं,यहां तक तो ठीक था लेकिन कंपनी ने जो वाहनों को लगाया है उनमें सब 52 सीटर बसे हैं,जिनमें 52 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन स्थिति यह है कि बसों में 65_70 _75 कभी-कभी इससे भी ऊपर बच्चों को भरा जाता है।

कमिश्नर,कलेक्टर के आदेश भी बे असर।


कुछ ही दिनों पहले संभाग आयुक्त ने सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि ओवरलोड अगर पाए जाते हैं तो कार्यवाही की जाए,और तो और कलेक्टर नर्मदापुरम ने यहां तक कहा था कि कोई भी स्कूल वाहन में ओवरलोड करते हुए पाए जाने पर संबंधित कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाएगा, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी,इसके बावजूद सी एम राइज स्कूल की बसों में क्षमता से ज्यादा बच्चों को भरा जाता है। जो ये दर्शाता है की कनिष्ट अधिकारियों की नज़र में अपने वरिष्ठ अधिकारियों की कोई कीमत नहीं है।

बच्चे ज़्यादा वाहन कम हैं।
इस विषय पर जब पड़ताल की गई तब पता चला कि बच्चे ज्यादा वाहन कम है।इसलिए एक ही रूट पर जाने वाली बसों में बीच में आने वाले ग्राम या गांव या क्षेत्र के बच्चों को बेठाया जाता है, जो कि सीधे-सीधे बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।अगर कोई घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी भी सुनिश्चित होना चाहिए।

वाहन संचालकों ने कहा।
इस बात को लेकर एक वाहन मालिक से जब बात की गई तो उन्होंने नाम ना लेंने की शर्त पर बताया कि हमारी बसों में ड्राइवर,कंडक्टर को बिठाने के साथ 50 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन स्कूल से हमेशा 10-15-20 कभी-कभी इससे भी ज्यादा बच्चों को ले जाना पड़ता है, डर तो हमें भी रहता है, लेकिन हमें जैसा आदेश दिया जाता है उसे हमें पालन करना पड़ता है।

इनका कहना है।
हमारे स्कूल में 52 सीटर बसे लगी हैं जिनमें हम 65 बच्चों को अलाउड करते हैं,क्योंकि शाला में 100% उपस्थित होती ही नहीं है,समाया कंपनी का टेंडर है,उनके द्वारा बसें लगाई गई हैं।हम शासन के दिशा निर्देशों का ही पालन करते हैं,शासन का लिखित आदेश है कि 52 बच्चों के बैठने की अगर जगह है तो 10% तक हम बढ़ा सकते हैं क्योंकि बच्चे अलग-अलग क्षेत्र से आते हैं,जिनकी दूरी ज्यादा नहीं होती है,उन जगाहों पर अतिरिक्त वाहन नहीं लगाया जा सकता है, इसीलिए उन क्षेत्र के बच्चों को भी इन बसो में बिठाया जाता है।
संदीपन नीखर
प्राचार्य सी.एम.राइज स्कूल पवारखेड़ा।

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