समिति और सर्वेयर की मिलीभगत से चने में मिट्टी मिलाकर बेच रहे व्यापारी चने के बराबर मिट्टी की कीमत

बाहर से ट्रालीओं से आ रही मिट्टी को चने में मिलाया जा रहा

खरीदी केंद्रों में रात में हो रही खरीदी

समिति और सर्वेयर की मिलीभगत से चने में मिट्टी मिलाकर बेच रहे व्यापारी चने के बराबर मिट्टी की कीमत,बाहर से ट्रालीओं से आ रही मिट्टी को चने में मिलाया जा रहा,सूरज की पहली किरण और रात के अंधेरे में होता है भ्रष्टाचार का खेलसोहागपुर। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं चना की खरीदी प्रक्रिया समितियों के द्वारा संचालित कर संपन्न कराई जा रही है मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रत्येक किसान को लाभ देने का है चने और गेहूं पर किसानों को उचित मूल्य मिले यह सरकार की मंशा है परंतु कुछ भ्रष्टाचारी व्यक्तिगत फायदे के चलते मूंग में की गई गड़बड़ियों की तरह व्यापारियों से मिलकर भारी गड़बड़ी कर रहे हैं कुछ कथित व्यापारियों द्वारा चने में भारी मात्रा में मिट्टी मिलाकर सहकारी समितियों में बेचा जा रहा है यह काम व्यापारी अपने फार्म हाउस या खेतों में कर रहे हैं चने में मिट्टी मिलाने के बाद सुबह 9 बजे के पहले या रात्रि में 8:00 बजे के बाद समिति सर्वेयर की मिलीभगत से समर्थन मूल्य पर तुलवा कर बेच रहे हैं नियम अनुसार किसी भी खरीदी केंद्र पर रात्रि में खरीदी नहीं की जाती जिन किसानों का सर्वेयर द्वारा टोकन काटा गया है वह जरूर तोला जाता है परंतु सोहागपुर में चार चना खरीदी केंद्र महुआखेड़ा सोहागपुर शोभापुर डिकवाड़ा बनाए गए हैं बाकी खरीदी केंद्रों पर गेहूं तोला जा रहा है सभी जगहों पर व्यापारी अपनी मिलीभगत अनुसार मिलावटी खराब और घटिया किस्म के चने को ठिकाने लगा रहे हैं इस संबंध में खरीदी प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारी कर्मचारियों सहित प्रशासन स्तर पर जानकारी दी गई परंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं होना एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता हैबाहर से आ रही मिट्टी—- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूंग की तरह चने में मिलाई जाने वाली विशेष किस्म की मिट्टी ट्रक द्वारा बाहर से बुलाई जा रही है फिर यह ट्रालीओ में भरकर संबंधित व्यापारी के पास पहुंच जाती है व्यापारी मिट्टी को चने में मिला देता है और अपनी सुविधा सेटिंग के अनुसार खरीदी केंद्रों पर जाकर समर्थन मूल्य पर बेच रहा है चने का रेट मंडियों और समिति में लगभग एक जैसा है परंतु यदि कोई व्यापारी किसान से 55 सो रुपए या 5000 रुपए कुंटल गेहूं खरीदेगा तो बिल्कुल साफ सुथरा खरीदता है उसमें मिट्टी या कचरा नहीं होना चाहिए परंतु यही व्यापारी किसान से चना खरीद कर उसमें मिट्टी मिलाकर डबल कर देता है और चौगुना पैसा कमाता है एक ट्राली में कम से कम 50 कुंटल मिट्टी आती है यदि यह चना में मिला दी जाए तो यह 275000 हो जाता है चने में मिलने के बाद यह मिट्टी भी चना हो जाती है और मिट्टी की कीमत लगभग 55 00 कुंटल हो जाती है खेल बड़ा है यदि कोई सूक्ष्मता जांच करें तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।

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