सतपाल पलिया ने दिया इस्तीफा- विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर भी पार्टी छोड़ने की बात कही गई थी परंतु प्रदेश उपाध्यक्ष का पद मिलने के बाद अब तक टिके रहे सतपाल पलिया
2018 में सोहागपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक प्रत्याशी रहे सतपाल पलिया ने छोड़ी कांग्रेस बता दे की 2018 में सतपाल पलिया को 11800 से अधिक वोटो से हार का सामना करना पड़ा था, इसके बाद से ही सतपाल पलिया पुनः सोहागपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से विधायक के लिए पुनः टिकट की मांग कर रहे थे परंतु 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो बार के जिला अध्यक्ष पुष्पराज पटेल पर विश्वास जताया इसके बाद सतपाल पलिया ने 1000 समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ने की बात कही थी ,जिसे सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा पोस्ट किया गया था परंतु कमलनाथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सतपाल पलिया को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया एवं इसके बाद विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को करारी हार मिली जिसमें सोहागपुर विधानसभा में पुष्पराज पटेल भी भाजपा के सामने टिक नहीं पाए और मुंह की खानी पड़ी, इन सभी घटनाओं से एक बात तो स्पष्ट होती है कि कांग्रेस में अपने आप को सुरक्षित एवं वर्चस्व साली महसूस नहीं कर पा रहे कार्यकर्ता अतः कहीं ना कहीं कांग्रेस को छोड़कर दूसरी पार्टियों की ओर रुख कर रहे हैं, 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में निरंतर भाजपा सत्ता बनाए हुए हैं एवं मध्य प्रदेश भाजपा का गढ़ बनता जा रहा है 2018 में हालांकि 18 महीना के लिए कांग्रेस को कम करने का मौका मिला परंतु पुनः भाजपा सरकार आई और 2023 में भाजपा ने 163 सीटों से जीतकर कहीं न कहीं कांग्रेस का मनोबल तोड़ दिया अतः जिससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने आप को सुरक्षित एवं प्रभावशाली महसूस नहीं कर पा रहे हैं ऐसे ही कई झटके मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लग रहे हैं इस बार नर्मदापुरम जिले से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी सतपाल पलिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।