संभाग आयुक्त के फरमान का नर्मदापुरम नगर पालिका पर नहीं कोई असर,शहर के रास्तों पर बैठे रेहते हैं मवेशी।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
सोमवार को नर्मदापुरम संभाग आयुक्त कृष्ण गोपाल तिवारी ने गूगल मीट में कलेक्टर्स को दिशा निर्देश देते हुए अनेकों गंभीर विषयों को साझा किया और बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए।श्री तिवारी ने मुख्य रुप से सड़कों पर बैठे मवेशियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि वर्षा काल में सड़कों पर मवेशी बैठे रहते हैं,जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बनी रहती है,कलेक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि सड़कों पर मवेशियों की आवाजाही न हो।


आयुक्त ने की बैतूल ज़िले की तारीफ़।
आयुक्त ने बैतूल की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि बैतूल ने इस दिशा में बेहतर कार्य करके दिखाया है।आयुक्त ने हरदा,नर्मदापुरम कलेक्टर्स से कहा कि वह पी.ओ,डूडा बैतूल से संपर्क करके प्लान बनाएं।

कलेक्टर ने ली अधिकारियों की क्लास।
इसके तुरंत बाद कलेक्टर नर्मदापुरम सोनिया मीना ने संबंधित विभागों की बैठक बुलाकर एस.डी.एम और सी.एम.ओ को निर्देश भी दिए कलेक्टर ने कहा कि जो पशुपालक अपने पशुओं को रोड पर छोड़ते हैं उन पर पेनल्टी लगाने की कार्यवाही की जाए।

आयुक्त, कलेक्टर के फरमान बे असर।
कमिश्नर,कलेक्टर के आदेश के बावजूद नर्मदापुरम शहर में शाम होते ही हर चौक चौराहों पर मवेशी बैठे नजर आ रहे थे,इससे यह भी ज़ाहिर होता है कि संभाग आयुक्त और ज़िला कलेक्टर के फरमान नगर पालिका अधिकारियों के लिए मेहज़ एक ख़ानापूर्ति हैं,और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश इनके लिए कोई मायने नहीं रखते हैं।जैसे कि आयुक्त और कलेक्टर ने वर्षा पूर्व भी मीटिंगों पर मीटिंगें लीं जिसमें जल भराव की स्थिति ना निर्मित हो इसके लिए भरसक प्रयास किए गए उन सब प्रयासों के बाद भी महज एक बारिश में पूरा शहर बाढ़ जैसे हालातो से ग्रस्त हो गया,बल्कि इस बार जहां जल भराव नहीं होता था वहां भी बाढ़ जैसी स्थिति दिखाई दी,मैन मार्केट की दुकानों में पानी घुस गया अब इसे इन लापरवाह अधिकारियों की लापरवाही कहें या हठधर्मी, जहां संभाग और जिला कप्तान बेबस नजर आ रहे हैं,या यूं कहें राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त है।

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