ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
आम नागरिकों की सहूलियत के मद्दे नज़र मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है,जिसके जरिए आम नागरिकों को कानूनी सहायता भी पहुंचाई जा रही है और उनके गंभीर मसलों का भी मध्यस्थता के जरिए आसानी से निराकरण किया जा रहा है।इसी तारतम्य में ज़िले से लेकर तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही हैं। जिससे बड़ी संख्या में लोगों को कानूनी फायदे दिए जा रहे हैं।आगामी 10 मई को जिला न्यायालय के प्रांगण में नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी।
नेशनल लोक अदालत जिले के सभी तहसील खंडपीठों में भी आयोजित की जाएगी।
नेशनल लोक अदालत में अपराधिक समझौता योग्य मामले भुगतान एवं निपटान अधिनियम के मामले बैंक वसूली, बिजली बिल, जल बिल वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर )तथा सिविल मामले जैसे किराया, सुखाधिकार,निषेधाज्ञा, मुकदमे विशिष्ट, प्रदर्शन मुकदमे आदि एवं अन्य मामलों का आपसी सुलह एवं समझौता से निराकरण किया जाएगा। तत संबंध में सोमवार को नेशनल लोक अदालत की जानकारी देते हुए न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विजय कुमार पाठक ने बताया कि 10 मई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह एवं समझौते से 1335 मामलों का निराकरण किया जाएगा।जिसमें अपराधिक समझौता योग्य 585 मामलों का निराकरण दोनों पक्षों के साथ आपसी राजीनामा एवं समझौता के माध्यम से किया जाएगा।इसी क्रम में एन आई अधिनियम के मामले धारा 138 के तहत अपील मामले धारा 138 एन आई के तहत 285,बैंक धन वसूली से संबंधित चार मामले, एमएसीटी से संबंधित 59, बिजली बिल से संबंधित 60 मामले,जल बिल गैर कंपाउंडेबल को छोड़कर 20 मामले,वैवाहिक विवाद के 73,अन्य सिविल मामले जैसे किराया सुखाधिकार निषेधाज्ञा मुकदमे, विशिष्ट प्रदर्शन मुकदमे आदि से संबंधित 48, निष्पादन एमजेसी मामले 13 अन्य मामले 75, यू एनसीआर के 83 तथा एमजेसीआर के चार मामले आपसी राजी नामा से निराकृत किए जाएंगे।
_आपसी सामंजस्य से होंगे निराकरण।_
श्री पाठक ने बताया कि लोक अदालत से पूर्व बीमा कंपनी, बिजली कंपनियां,नगर पालिका,प्रशासनिक अधिकारी,अधिवक्ताओं अन्य न्यायाधीश एवं विभिन्न पार्टियों के साथ बैठकर आपसी राजीनामा एवं सुलह का प्रयास किया गया है।
_लोक अदालत की उपलब्धियां।_
लोक अदालत से आम नागरिक को मिल रही हैं सुविधाएं जैसे कि विगत 8 मार्च 2025 को आयोजित हुई लोक अदालत में कोर्ट तक नहीं आए टोटल कैसे थे 10.234,जिसमें से निराकृत हुए 1543,जिसमें अवार्डेड राशी,1.22.55361,कुल मिलाकर 1618 लोगों को हुआ था फायदा।
_पेंडिंग केस और कितनों को मिला फायदा।_
मार्च में आयोजित हुई लोक अदालत में पेंडिंग 817 मामलों में निराकृत हुए 518 मामले जिससे 6.17.76.992, अवार्डेड राशी,और 1074,लोगों को मिला था फायदा,कुल मिलाकर लोक अदालतों से आम नागरिकों को सीधे तौर पर फायदे मिल रहे हैं, जिससे पेंडिंग केसों में कमी आरही है,और नागरिकों को आसानी मिल रही है।
_लोक अदालत से मिल रही राहत।_
श्री पाठक ने बताया की ये लोक अदालत किसी भी नागरिक पर दबाव डालने के लिए नहीं बल्की मध्यस्थता के लिए आयोजित की जाती हैं,जिसमें आपसी सहमती और समन्वय से मामलों का निराकरण किया जाता है,श्री पाठक ने बताया की कोई भी लोक अदालत में आने से संकोच ना करे अगर उसे कोई परेशानी है तो वो प्रत्यक्ष रूप से बताए उसके प्रकरण में यथासंभव सहायता करने की कोशिश की जाएगी।
_निशुल्क कानूनी सहायता पाने के लिए “15100”।_
कोई भी व्यक्ति निशुल्क कानूनी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल कर सकते हैं,जो पूरी तरह से निःशुल्क है और हमारा प्रयास है लोगों को सही कानूनी सहायता मिल सके।जिला विधिक सेवा अधिकारी अभय सिंह ने बताया कि कोई भी व्यक्ति मुफ्त एवं निशुल्क कानूनी सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल करके कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैं। व्यक्ति की समस्या जानने के बाद उस व्यक्ति को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है।
_बिजली कंपनी द्वारा दी जाएगी छूट।_
राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि 10 मई 2025 को होने वाली नेशनल लोक अदालत में निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू समस्त कृषि 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू 10 हॉर्सपावर, भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छुट दी जाएगी।इसके तहत प्रिलिटिगेशन स्तर पर बिजली कंपनी द्वारा सिविल दायित्व की राशि पर 30% एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक 6 माही चक्रवर्ती दर अनुसार 16% प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100% की छूट दी जाएगी।वहीं लिटिगेशन स्तर पर बिजली कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20% एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवर्ती दर अनुसार 16% प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100% की छूट दी जाएगी।10 मई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में उपरोक्ता अनुसार दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि रुपए 10 लाख रुपए मात्र तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी।उक्त छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 10 मई में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी।अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जाएगी।