लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर कराएं: कलेक्टर नीरज कुमार सिंह

कलेक्टर श्री सिंह ने की नल जल योजनाओं के कार्यों की समीक्षा

जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाओं के कार्यों में तेजी लाकर निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराएं। लेटलतीफी करने वाले वाले ठेकेदारों के विरुद्ध एफआईआर कराएं। यह निर्देश कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने कार्यपालन यंत्री पीएचई और सभी सहायक यंत्रियों को दिए।गुरुवार को कलेक्टर श्री सिंह ने जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाओं की प्रगति की प्रत्येक जनपद अंतर्गत ग्रामवार समीक्षा की। उन्होंने बैठक में संबंधित ग्रामों के ठेकेदारों और अधिकारियों से नल जल योजनाओं की स्थिति और कार्य पूर्ण कराने में आने वाली समस्या की जानकारी ली। कलेक्टर श्री सिंह ने बोर, ट्रांसफर, पाइप लाइन डालने आदि कारणों से लंबित नल जल योजनाओ में तेजी से आवश्यक कार्यवाही कर कार्य को पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्ण नल जल योजनाओं को हैंड ओवर किया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ई पीएचई को अन्य समस्याओं के भी शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।कलेक्टर श्री सिंह ने ठेकेदारों से भी चर्चा कर उन्हें शीघ्र कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने नल योजनाओ में कार्य पूर्ण करने की ग्रामवार समयसीमा भी निर्धारित की।बैठक में जिला पंचायत सीईओ एस एस रावत, एसडीएम आशीष कुमार पांडे, कार्यपालन यंत्री संतोष लाल बाथम सहित सभी सहायक यंत्री पीएचई एवं ठेकेदार उपस्थित रहें।

ग्राम पंचायतों किए गए कार्यों की तस्वीर

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा गुणवत्ता हीन कार्य किया गया है, नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज सिंह के सामने दिखाई स्वच्छ छविनल जल योजना के तहत कई ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहा है जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा भी मौखिक या लिखित रूप से शिकायतें भी देखने को मिली हैं, जहां पीएचई विभाग द्वारा ग्राम पंचायत की लाखों की कीमत से निर्मित सड़कों को हैमर वाइब्रेटर से तोड़ दिया गया, जिससे नियम अनुसार 60 सेंटीमीटर सड़क थोड़ी जानी थी, सड़क लगभग पूरी ही टूट चुकी है, उस पर महत्वपूर्ण विषय यह भी है कि अब तक उन सड़कों पर सीसी नहीं की गई है जिसके चलते ग्राम पंचायतों में बहुत अधिक कीचड़ हो रही है, इन विषयों को लेकर मीडिया द्वारा कई खबरें प्रकाशित की गई परंतु प्रशासन की आंखें कब खुलेंगे यह इंतजार है। जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना शासन प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत तक तो पहुंचा दी गई है, परंतु नल जल योजना का कार्य ग्राम पंचायतों में सालों तक चल रहा है, सड़कें टूटी पड़ी है पाइपलाइन के ऊपर से वाहन गुजर रहे हैं अर्थात पाइपलाइन भी टूट रही है, गर्मी का मौसम पानी की एक बड़ी समस्या लेकर आता है, यह एक बड़ा प्रश्न है कि इस गर्मी के मौसम में नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को क्यों नहीं मिल पाया, जबकि कई ग्राम पंचायतों में लंबे समय से नल जल योजना का कार्य चल रहा है।जो नल जल योजना कंप्लीट हो गई है एवं ग्राम पंचायतों को हैंडोवर लेने के लिए कहा गया है ग्राम पंचायतों का कहना है कि नल जल योजना के टेस्टिंग के दौरान ही गांव में हर जगह पानी नहीं पहुंच पा रहा है कुछ ही जगह पानी पहुंच रहा है, एवं पाइपलाइन लंबे समय तक बाहर खुले में पड़ी रहने के कारण क्षतिग्रस्त भी हो गई है, कई ग्राम पंचायतों का कहना यह भी है कि हम नल जल योजना को हैंडोवर कैसे लें जबकि हमें नल जल योजना में क्या कार्य किया गया कैसे कार्य किया गया इसकी कोई भी जानकारी नहीं है एवं पीएचई विभाग द्वारा हमें इस विषय पर कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है, बिना जानकारी लिए नल जल योजना को ग्राम पंचायत के हैंडोवर लेना उचित नहीं।वही बिछुआ ग्राम पंचायत में नल जल योजना का कार्य हुआ जिसमें ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन महीने तक ही पानी गांव में पहुंचा इसके बाद नल जल योजना ध्वस्त जैसी दिखाई दे रही जिसकी अब पूरी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के ऊपर आ चुकी है, लाखों की लागत से नल जल योजना कुछ ही समय तक चल रही है जिसके बाद जिसका पूरा संचलन ग्राम पंचायत के ऊपर आ चुका है या आ जाएगा, यदि ग्राम पंचायत को ही नल जल योजना का पूर्ण संचालन करना था लाखों-करोड़ों का कार्य पीएचई विभाग करना अद्भुत सा दिखाई दे रहा है।सारी गतिविधियों को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे नल जल योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी है, जहां पीएचई विभाग के ऊपर वरिष्ठ प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना एवं मानकों के अनुसार काम नहीं करना सामान्य सा विषय है।

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