कांमती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस हुई है नॉन एफ.ए.क्यू खरीदी नर्मदा पुरम कलेक्टर नीरज सिंह द्वारा कहां गया था जिसके बाद भी आस्था व्यार हाउस पर निरंतर मूंग की खरीदी चलती रही, विभाग द्वारा कांमती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस खरीदी गई मूंग ग्रेडिंग करने के लिए कहा गया था परंतु जानकारी के अनुसारकांमती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस स्टेग से कुछ एक बोरी की ही ग्रेडिंग की गई, एवं वर्तमान में सभी स्टैगो में नॉन एफ.ए.क्यू. मूंग रखी हुई है, साथ ही कई किसानों के बिल भी खरीदी के कुछ दिनों बाद बनाए गए जबकि जिस दिन मूंग तोली जाती है उसी दिन बिल भी बनाए जाते हैं, साथ ही एलटीसी कंपनी के द्वारा जब स्टेग की जांच की गई थी तो दाल एवं मिट्टी अधिक मात्रा में पाई गई थी जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर देखा गया था, मूंग खरीदी में बाहरी व्यक्तियों का भी बड़ा हस्तक्षेप रहा, समिति प्रबंधक गोपाल यादव वेयरहाउस में कभी कभार ही पहुंचाते थे जबकि नीलेश यादव पिता गोपाल यादव मूंग खरीदी का कार्य कर रहे थे, जिससे यह तो स्पष्ट हो जाता है कि समिति प्रबंधक की गैर मौजूदगी में मूंग खरीदी की गई, भ्रमण के दौरान वेयरहाउस कॉरपोरेशन अधिकारी खातरकर द्वारा पहले ही दिन भ्रमण के दौरान दो स्टेट रद्द कर कर गए थे जिसका कारण था कि मूंग को जांच करने वाले उपकरण उपलब्ध नहीं थे, फिर भी तुलाई की जा रही थी, इतनी सारी लापरवाहियों के बाद भी अब तक समिति प्रबंधक पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई जबकि इन लापरवाहियों के चलते सिवनी मालवा एवं पिपरिया में एफ.आई.आर की कार्रवाई की गई है, नर्मदापुरम कलेक्टर को जब संबंधित विषय पर सूचित कराया गया था तब उन्होंने कहा था कि कांमती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस में अब तक जो खरीदी की गई है वह नाॅन एफ.ए.क्यू. है अब हम कांमती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस पर खरीदी नहीं करेंगे, परंतु दूसरे दिन ही खरीदी आरंभ हो गई, इतनी जल्दी मूंग एफ.ए.क्यू. कैसे हो गई, यह भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है, क्या नर्मदापुरम कलेक्टर को गलत जानकारी दी गई, या फिर अधिकारियों की मिली भगत से सेटिंग कर ली गई।
वही वीडियो भी सामने आए थे कि कामती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस में किसानों से लगभग 2500 ग्राम से 3 किलो तक सैंपल के रूप में मूंग ली जा रही है, इसके बाद भी अब तक समिति प्रबंधक पर f.i.r. क्यों नहीं हुई। जिसके चलते किसानों के पेमेंट अब तक रुके हुए हैं। कामती रंगपुर समिति आस्था वेयरहाउस लापरवाही का खामियाजा अब किसान भुगत रहा है।