मुस्लिम सामाजिक संगठनों ने किया नव गठित सुरा कमेटी का विरोध।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
रविवार को मुस्लिम समाज के कुछ लोगों द्वारा आला हज़रत सुरा कमेटी सदर(अध्यक्ष)के लिए इटारसी स्थित साईं कृष्णा रिसोर्ट में वोटिंग की गई थी जिसमे दो लोगों ने पर्चा दाखिल किया था उक्त कमेटी का सामाजिक संस्थाओं ने विरोध करते हुए कमेटी का बहिष्कार किया है।मामला कुछ लोगों द्वारा कमेटी बनाने का है,निरंतर समाज सेवा में अग्रसर सामाजिक संगठन मददगार आर्मी,अंजुमन नूरुल इस्लाम कमेटी इटारसी,तंज़ीम इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी,ने उक्त सुरा कमेटी का बहिष्कार किया है,इन संगठनों का केहना है की आलाहज़रत सुरा कमेटी का नगर इटारसी में गठन हुआ जिसमे समाज के लोगों ने वोट नहीं किया इस कमेटी का चुनाव पब्लिक वोट से नहीं हुआ बल्कि कुछ तथाकथित लोगो द्वारा इसमें वोट करवाया गया। समाजिक लोगों को अंधेरे में रखा गया सदर(अध्य्क्ष) के लिए खड़े हुए दोनों उम्मीदवार हबीब अहमद खत्री,और रकीब ख़ान,जो की मालिक और उसकी कंपनी में कार्य करने वाला एक युवक है,दूसरे उम्मीदवार को हबीब खत्री द्वारा पैसे देकर चुनाव में खड़ा किया गया था,जब रकीब से एकत्रित हुए मुसलमान सुमदाय के लोगो ने पूंछा तो रकीब ने बताया की मेने 2000/₹, हज़ार रूपए अध्यक्षता हासिल करने के लिए दिया जबकि अध्यक्ष के लिए फीस 5100/₹, रुपए थी। उक्त कमेटी के चुनाव एक रिसॉर्ट में किए गए और अध्यक्ष के परिणाम की घोषणा के लिए सोमवार का दिन चुना गया, स्थान पीपल मोहल्ला मोहम्मदी मस्जिद रखा गया,मस्जिद कमेटी के सदर सोहराब शाह से पूछने पर पता चला की इस विषय पर उनसे भी चर्चा नहीं की गई थी,उन्हें कुछ मालूम नहीं था,जिसके बाद सुरा कमेटी की चुनाव प्रक्रिया को निरस्त कर उक्त लोगों को मस्जिद से बाहर किया गया। यह सूचना मुस्लिम अवाम तक नहीं पहुंची नगर कमेटी के चुनाव अंजुमन नूरुल इस्लाम कमेटी इटारसी के अंतरगर्त आते है,जिससे अंजुमन नूरुल इस्लाम कमेटी के सदर को भी अगवत नहीं कराया गया,कमेटी सिर्फ मुसलमानो को गुमराह करके बनायीं गई जिसकी मुस्लिम समुदाय के लिए कोई  उपयोगिता नहीं है।किसी भी प्रकार का कोई लेना देना नहीं है।कमेटी में वोट करने वाले लोगों को जानकारी ही नहीं थी,की कमेटी का क्या उद्देश्य है।जानकारी होने पर उन्होंने इस तथाकथित कमेटी का विरोध किया, भविष्य में अगर इस कमेटी के द्वारा कुछ अनैतिक कार्य किया जाता है,या किसी मुसलमान पर किसी भी प्रकार की कोई ज़ोर ज़बरदस्ती की जाती है तो इस कमेटी पर कोई भी कानूनी कार्यवाही कर सकता है,जिसके लिए वह स्वतंत्र है,इस कमेटी को सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय से जोड़ कर न देखा जाए।

इनका केहना है


कोई भी समिति या संगठन बनाने के लिए संगठित लोगों से चर्चा कर समिति या संगठन का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए,और वो संगठन समाज या मानवता के हित में होना चाहिए और उसके उत्थान के लिए कार्य करना चहिए,ना की सिर्फ़ अपनी बातों को किसी पर थोपने के उद्देश्य से कार्य होने चहिए,ये कमेटी का उद्देश्य सिर्फ़ आम मुसलमानो पर हुकुम चलाना ही था हम ऐसे कोई संगठन को वजूद में आने नहीं देंगे हम इस कमेटी का विरोध करते हैं और अगर ज़रूरत पड़ी तो हम उसमे शामिल लोगों पर यथा संभव कार्यवाही भी करवाएंगे।
आरिफ़ ख़ान
अध्यक्ष मददगार आर्मी।

इनका केहना है
अंजुमन नूरुल इस्लाम कमेटी इटारसी शहर की सबसे बड़ी और पुरानी कमेटी है जो विगत 50_55 वर्षों से मुस्लिम समाज के उत्थान और उसकी अच्छाई के लिए कार्य कर रही है,हम लगातार अच्छे कार्य करने वालों के साथ हैं और उनका सहियोग करते हैं,इस कमेटी का उद्देश्य सिर्फ़ अपनी मनमानी करना और अराजकता फैलाना है जिसकी हम कड़ी निन्दा करते हैं,
निसार एहमद सिद्दीक़ी
अध्यक्ष अंजुमन नूरुल* इस्लाम कमेटी इटारसी।

इनका केहना
मानवता और समाज के हित में जो कार्य किए जाएं वो सही हैं लेकिन अराजकता फ़ैलाकर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए कोई संगठन को तैयार करना ये बिलकुल गलत है,
फीरोज़ ख़ान
अध्यक्ष तंज़ीम इस्लाहुल मुस्लेमीन

विरोध करने वालों में।
इस कमेटी का हम मुस्लिम सुमदाय इटारसी कड़ा विरोध करते हे विरोध करने वालो में मुस्लिम समुदाय इटारसी अंजुमन नूरुल इस्लाम कमेटी अध्य्क्ष निसार एहमद सिद्दीकी (गुड्डू भाई )इटारसी, मददगार आर्मी इटारसी अध्य्क्ष आरिफ खान,तंज़ीम इस्लाहुल मुस्लिमीन इटारसी सदर फ़िरोज़ खान चिश्ती, एवं अनवर भाई पूर्व पार्षद भारतीय जनता पार्टी इटारसी,तोहिद भाई,मुन्ना भाई,हसीब भाई,हसन शिकोही मदारी,हफ़ीज़ शिकोही मदारी,अमज़द भाई, वसीम भाई,शहीद भाई, मोहसिन भाई,साकिर भाई, रिज़वान भाई,समीर शाह, ताहिर खान चिश्ती,एवं समाज के गणमान्य बुद्धिजीवी।

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