ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
टेक्नोलॉजी औरसाइंस को भी परास्त कर 1348 दिनों से सिर्फ नर्मदाजल ग्रहण कर अखण्ड निराहार महाव्रत कर रहे रेवा पथ के महायोगी श्री दादागुरु ने विश्वरक्तदान दिवस पर चतुर्थ बार संस्कारधानी में अपने अनेको अनुनायियों एवं शिष्य मंडल के साथ रक्तदान किया।
साइंस भी है अचंभित।
ज्ञातव्य है कि पिछले माह दादागुरु के अखण्ड निराहार व निर्जला महाव्रत का रहस्य जानने के लिए प्रदेश सरकार ने दादागुरु की जीवन शैली पर देश के उच्च चिकित्सा संस्थानों के प्रख्यात चिकित्सकों द्वारा शोध करवाया है।विज्ञान स्वयं अचंभित है कि इतने दिनों बिना कुछ ग्रहण किये सिर्फ नर्मदाजल पर कोई केसे जीवित रह सकता है और सक्रिय रह सकता है?साथ ही 44 डिग्री तापमान में कोई रोज 30 किमी बिना किसी अन्न जल आहार के कैसे चल सकता है।इस शोध से माँ नर्मदा की महिमा औऱ महत्व को वैश्विक पहचान मिलेगी।
दादा गुरु का संदेश।
दादागुरु ने अपने संदेश में कहा कि जीवन में सबसे बड़ा दान रक्तदान है।रक्त के आभाव में हमारी देव भूमि भारत में हज़ारों लोग दम तोड़ देते है।हमारा रक्तदान किसी को जिंदगी दे सकता है किसी पीड़ित के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है। इसलिए हमारा संकल्प होना चाहिए कि रक्त के अभाव में कोई भी पीड़ित दम न तोड़े। अतः अपने जिले प्रांतों में निकटतम ब्लडबैंक या जिला चिकित्सालय में जाकर रक्तदान अवश्य करें।संकल्प लें कि सिर्फ आज ही नहीं वरन जब भी किसी को रक्त की आवश्यकता होगी तो हम अवश्य यह महादान रक्तदान करेंगे औऱ रक्तदान सम्बन्धी समाज में फैली रूढ़ियों व कुरीतियो को भी नष्ट करेंगे।
बनेगी रक्तवीर टीम।
दादागुरु के आह्वान पर नर्मदापुरम में दादागुरु नर्मदामिशन परिवार के सदस्यों,शिष्यों व आस पास के भक्तमण्डल ने श्रेया पैथोलॉजी में जाकर रक्तदान किया।इसी तारतम्य में नर्मदापुरम में नर्मदामिशन द्वारा रक्तवीर टीम बनाने का संकल्प भी लिया।रक्तदान करने दादागुरु परिवार के सदस्यों में अमित दुबे, हरिकृष्ण नायक,संजय सेलेट,पीयूष मिश्रा,वीरेंद्र सिंह चौहान,कृष्ण कुमार ठाकुर ,अजय दुबे,नितिन खंडेलवाल,आशीष खंडेलवाल सहित अनेको आस पास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्तमण्डल के सदस्यों ने भी रक्तदान किया।