ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
कलियुग केवल नाम अधारा, सुमरि सुमरि नर उतरहिं पारा। श्रीराम नाम की महिमा जगजाहिर है, यह श्रीराम का नाम ही था जिसको अंकित करने से पत्थर भी पानी में तैरे ओर रामेश्वरम का पुल बना। वेद शास्त्रों में राम नाम की महिमा का बखान है और इसी महिमा से प्रेरित होकर शहर के एक रामभक्त ने शहर में रामनाम बैंक खोला, जिसमें श्रीराम नाम लिखे पत्रक भक्तों द्वारा लिखे जाते और फिर जमा किए जाते थे। शहर के रामदीन गौर ने ए-फोर साइज के पेपर पर राम नाम लिखना शुरू किया था और उन्होंने 51 लाख राम नाम के पत्रक लिखे। इसके बाद उक्त पत्रक को अयोध्या के बैंक में जमा किया। उनके निधन के बाद उनकी इस आध्यात्मिक विरासत को उनके बेटे राजीव गौर ने संभाला। राजीव 3 करोड़ 51 लाख राम नाम के पत्रक लेकर गत दिवस अयोध्या रवाना हो गये हैं। अयोध्या में श्रीराम नाम पत्रक का बैंक है जहां इन्हें जमा किया जाता है। कामर्शियल बैंक की तरह इसकी विधिवत रसीद दी जाती है। अयोध्या स्थित रामनाम पत्रक बैंक में राजीव गौर का खाता खुला है जहां वह विगत 4 सालों से जाकर रामनाम पत्रक जमा करते हैं।
18 लोग मिलकर लिखते हैं राम नाम
स्वर्गीय रामदीन गौर जब राम नाम का पत्रक लिखना शुरू किया तो उनके साथ उनके ही मित्र साथी और आसपास के ग्रामीण अंचल के लोग राम नाम पत्रक लिखने में सहयोग करते थे। उनके साथ ऐसे 18 लोग थे जो लाखों करोड़ों की संख्या में ए-4 साइज के पेपर पर राम नाम लिखते थे और श्री सीताराम समिति के माध्यम से उन पत्रकों को सबसे एकत्रित करके वह अयोध्या की बैंक में जाकर जमा करते थे।
6 लोगों का जत्था रवाना
रामभक्तों के आधा दर्जन लोगों का जत्था राम नाम पत्रक लेकर अयोध्या रवाना हुआ। इनमेें राजीव गौर अखिल भारतीय हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हैं। उसके साथ गजेन्द्र राव, मुकेश बाथरे, धीरज चौकसे, छोटू बर्थडे, इमरत यादव, रंजन साहू शामिल हैं। बता दें कि राजीव गौर के पिता ने यह सिलसिला शुरू किया था और इस सिलसिले को आगे बढ़ते हुए राजीव गौर ने लगभग 3 करोड़ 51 लाख राम नाम का पत्रक लेकर रवाना हुए।
राममंदिर बनने तक पत्रक लिखने का लिया था संकल्प
बताया जाता है कि स्व. रामदीन गौर ने संकल्प लिया था कि अयोध्या में जब तक रामलला का भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक वे राम नाम का पत्रक लिखकर हर वर्ष श्रीराम के चरणों में अर्पित करेंगे। रामदीन गौर अब नहीं रहे, लेकिन अयोध्या में भव्य मंदिर तैयार हो रहा है। अपने पिता के संकल्प को पूरा करने के लिए उनके पुत्र राम नाम लेखन करते हैं और करवाते थे, उन्हीं राम नाम पत्रकों को अयोध्या स्थित श्रीराम नाम बैंक में जमा किया जाएगा।
राम नाम संकीर्तन के अनुरागी है
राजीव गौर अपने पिताजी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक करोड़ राम नाम पत्रक राम नाम बैंक लेकर गत दिवस पावन नगरी अयोध्या श्रीराम दरबार के लिए अपने मित्र मंडल के साथ रवाना हो रहे हैं, उनका परिवार बेहद धार्मिक प्रवृत्ति का है वे राम नाम संकीर्तन करने के अनुरागी हैं।
आलोक शर्मा, रसूलिया
राम नाम लिखने, श्रेष्ठ भक्ति को दर्शाता है
राजीव गौर के स्व. रामदीन गौर ने रामनाम पत्रकल लिखने की शुरूआत कई सालों पहले की थी। उन्होंने 51 लाख राम नाम के पत्रक लिखे। इसके बाद उक्त पत्रक को अयोध्या के बैंक में जमा किया। उनके निधन के बाद उनकी इस आध्यात्मिक विरासत को उनके बेटे राजीव गौर ने संभाला। राजीव 3 करोड़ 51 लाख राम नाम के पत्रक लेकर गत दिवस अयोध्या रवाना हो गये हैं, यह शहर के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। राम नाम लिखना श्रीराम की श्रेष्ठ भक्ति को दर्शाता है।
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