प्रदेश के मुखिया का मास्टर स्ट्रोक,पानी बचाने जल स्त्रोत सहेजने के काम में लगे समाज सेवियों को करें सम्मानित-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव ने विगत दिनो वीडियो कांनफ्रेंसिंग के ज़रिए जिलों के आला अधिकारियों को संबोधित किया।इस समय विभिन्न जिलों में हुए अच्छे कार्यों और नवाचारों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में प्रशंसा  हो रही है।मुख्यमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल गंगा संवर्धन अभियान और उससे सम्बन्धित गतिविधियों की जानकारी दी गई।मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने गत 6 माह में जनकल्याण के अनेक फैसले लिए हैं।हम विकास की नई इबारत लिखेंगे। विकास की प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को भी शामिल होकर बेहतर परिणाम लाने में सहयोग करना है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा सांसद,विधायक,मंत्रीगण, जिलों में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की थी।

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समाजसेवियों को किया जाए सम्मानित।
जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंस में कहा कि ऐसे समाजसेवी जिन्होंने अभियान में आगे बढ़कर हिस्सेदारी की है उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अन्य लोग भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित हो सकें। ऐसे लोगों को सम्मानित भी किया जाए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल संरक्षण के लिए ऐसे स्थान का भी चयन करें जहां पर्यटन विकास हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त किया जाए।वीडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न जिलों में जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े कार्यों की जानकारी दी गई।

जल गंगा संवर्धन अभियान का हुआ औपचारिक समापन,जल संरक्षण गतिविधियां निरंतर जारी रहेंगी।

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान का औपचारिक समापन 16 जून को हुआ।इसके पश्चात भी जल संरक्षण गतिविधियां निरंतर जारी रहेंगी।ऐसा पहली बार है की पूरा प्रशासनिक तंत्र भू_जल को बचाने की जद्दोजेहद में लगा हुआ है। प्रदेश के सभी जिलों में जल संरक्षण से जुड़े अभिनव कार्य हो रहे हैं।कुछ जिलों ने नवाचार भी किए हैं,जिनकी मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रशंसा भी की थी।नर्मदापुरम ज़िले में कलेक्टर सोनिया मीना के अथक प्रयासों से पेहली बार रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग, पुराने कुंए,बावड़ियों की पूंछ परख हो रही है,जिससे निश्चित ही आनेवाले समय में भू_जल के स्तर में सुधार आएगा।

मुख्यमंत्री की कोशिशों पर पानी फेरती नगर पालिकाएं।
मुख्यमंत्री एक तरफ जल आवर्धन,जल संरक्षण के विषयों को लेकर गंभीरता दिखा रहे हैं, और ज़िला कलेक्टर अपनी सक्रियता के ज़रिए इन अभियानों में तेज़ी लाने की कोशिश कर रही हैं,वहीं जिले की नगर पालिकाओं के मुख्य नगर पालिका अधिकारी इन विषयों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे है।इटारसी और नर्मदापुरम नगर पालिका की स्थिति लगभग समान है,कुओं को चिन्हित तो किया गया था,उनमें से कुछ की सफाई करने की आधी अधूरी कोशिश भी की गई पर प्राकृतिक पानी को सहेजने और रिचार्ज करने के लिए कोई प्लानिंग नहीं है,ना ही कुछ किया गया है।ऐसे में सारी कवायद बेकार साबित हो सकती है।सबसे बड़ी कमी तो ख़ुद नगर नगरपालिकाओं में है,नगर पालिका परिषद ने अपने परिसर में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की हुई है तो वह दूसरों को क्या रूफ टॉप वॉटर हार्वेस्टिंग के बारे में जागरूक कर पाएंगे।

इनका कहना है।
रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग अत्यंत जरूरी है,हम अपने घरों के सामने रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग करवाते हैं तो उसमें कोई विशेष खर्चा नहीं आता है,लेकिन वही वर्षा का जल अगर संग्रहित होता है तो आने वाले कुछ ही समय में धरती से भू_जल स्तर गिरने के बजाए बढ़ाने की व्यवस्था बन सकती है।हमने हमारी कॉलोनी रिवर व्यू नर्मदापुरम में लगभग 100,150 घरों पर रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग किया हुआ है जिसके कारण हमारी कॉलोनी में वाटर लेवल में गिरावट के बजाय बहुत कम स्तर पर ही पर्याप्त जल मिल रहा है।बल्कि बोर बरसात में ओवर फ्लो भी हो जाते हैं,
आनंद पारे
बिल्डर(नर्मदापुरम)

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