पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की राशि में ही कर दिया एकाउन्टेंट ने गोलमाल, एसपी ऑफिस के एकाउन्टेंट ने किया कमाल।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम //
नर्मदापुरम एकाउन्टेंट ने अपने ही परिजनों एवं रिश्तेदारों के खातें में ट्रांसफर कर ली पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों के लाखों रूपये की राशि।
दूसरों के साथ हुई ठगी, बेईमानी तथा धोखाधड़ी के मामलों को निपटाने के लिए उम्मीदों भरी नजरों से देखा जाने वाला जिला पुलिस अधीक्षक का कार्यालय भी अब अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। एसपी ऑफिस में पदस्थ एक लेखापाल ने अपने ही साँथीयों विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की जीपीएफ एवं एरियर्स के रूप में अलग-अलग मदों से उन्हें मिलने वाली राशि में लाखों का गोलमाल कर डाला। पुलिस अधीक्षक की नाक के नीचे और उन्हीं के कार्यालय में रहकर इस लेखापाल ने पुलिसकर्मियों और अफसरों के खातों में जाने वाली राशि अपने परिवारजनों और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर डाली।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ एकाउन्टेंट योगेश डोलेकर द्वारा उक्त घोटाले को अंजाम दिया गया है।बताया जाता है कि करीब दस साल से योगेश डोलेकर एकाउन्टेंट के पद पर पदस्थ है जिनके द्वारा पुलिस अधिकारियों एंव कर्मचारियों के खाते में एरियर्स राशि का भुगतान किश्तों में किया जाता है,जिसकी जिम्मेदारी लंबे समय से पदस्थ डोलेकर की थी। इसी का फायदा उठाते हुए एकाउन्टेंट ने कई पुलिस कर्मचारियों की एरियर्स एवं पीएफ की राशि अपने परिजनों और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर लाखों की आर्थिक गड़बड़ी कर दी। एकाउन्टेंट लंबे समय से उक्त भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा था। बताया जाता है कि एकाउन्टेंट ने 25 से 30 लाख रूपये की गड़बड़ी कर दी है।
पूरा मामला उजागर हुआ तो शिकायत हुई, इस पर जिला पुलिस अधीक्षक ने फिलहाल बाबू को लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिये हैं।
इधर जानकारों का कहना है कि लेखापाल ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकारों पर एसपी ऑफिस में बैठकर बड़ा डाका डाला है और गोलमाल की राशि का आंकड़ा लाखों रुपए को पार कर सकता है। एसपी ने लेखापाल को लाइन हाजिर कर मामले की बारीकी से जांच पड़ताल के लिए कमेटी गठित कर दी है। गबन कैसे हुआ उसका तरीका क्या रहा और गबन की राशि कितनी है, इस कमेटी की रिपोर्ट में पता चल सकेगा। फिलहाल मामला उजागर होने के बाद ज़िले के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
बताया जाता है कि ट्रेजरी के एप ने भ्रष्टाचार को पकड़ा है।
बताया जाता है कि लंबे समय से भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे एकाउन्टेंट के फर्जीवाड़े का खुलसा भोपाल ट्रेजरी आफिस के एप ने पकड़ा है। एप में एक ही खाते में बार-बार पैसा जमा होने पर गड़बड़ी सामने आई। जिस पर भोपाल के अधिकारियों ने जिला ट्रेजरी आफिस को इसकी सूचना दी, जिसकी जांच पड़ताल की तो एकाउन्टेंट द्वारा लाखों का भ्रष्टाचार सामने आ  गया। इस एकाउन्टेंट योगेश डोलेकर के साथ एक महिला कर्मचारी का नाम भी सामने आ रहा है, उक्त संदेही महिला के एकाउन्ट में भी कई बार पैसा डाला गया है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रह है।

*इनका कहना*
मामले में प्रथम दृष्टया संदेहापद तरीके से पैसा ट्रांसफर करने की बात सामने आई है। मामले की जांच ट्रेजरी विभाग की टीम के साथ विभागीय जांच भी की जा रही है। संबंधित एकाउन्टेंट को वेतन शाखा से हटा दिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक -डॉ . गुरकरन सिंह,

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