ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
पांच दिवसीय पंडित रामलाल शर्मा स्मृति समारोह के प्रथम दिवस चित्रकूट बांदा से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक डॉक्टर पंडित रामगोपाल तिवारी मानस रत्न ने व्यास गादी से अपने प्रवचन की शुरुआत मां जानकी की वंदना से करते हुए कहा कि मां वैदेही की कृपा से ही व्यक्ति की बुद्धि निर्मल होती है।गोस्वामी तुलसीदास जी निर्मल बुद्धि के लिए मां जानकी से प्रार्थना करते हैं पांच दिवसीय कथा सत्र के प्रथम दिवस प्रवचन के केंद्रीय विषय वैदेही दर्शन को केंद्र में रखकर पूज्य मानस रत्न जी कहते हैं,मनुष्य जीवन का एकमात्र उद्देश्य ईश्वर भजन है,हे दीनानाथ जितना समय आपकी कृपा से मिला है,हम अपने मन बुद्धि ,चित्त को उसमें लगाएं । आपने हनुमंत जीवन दो तत्वों का जीवन बन्धन है एक है देह जो दिखाई पड़ता है दूसरा पक्ष नेत्रों से दिखाई नहीं पड़ता।जिस देह के सुख ,सौन्दर्य के लिये अपना सम्पूर्ण प्रयास करतें हैं,यह देह तब तक महत्वपूर्ण है जब तक प्राण संकट में न हो,जब प्राण और देह में से किसी एक को चुनना हो तो हम प्राण को बचाएंगे । इस संसार में देह की सुविधा के लिए बहुत प्रयत्न करतें हैं किंतु बिना देह के प्राण की रक्षा के लिये भजन ही एक मात्र उपाय है।
जीवन जिन प्राणों का संचार देह में केवल श्री राम कृपा से होता है,प्राणों को समझने के लिए रामकथा ही एक मात्र उपाय है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पूज्य डॉक्टर तिवारी जी द्वारा पंडित रामलाल शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया,पूज्य वक्ता का स्वागत सर्व श्री पंडित भवानी शंकर शर्मा पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत,वैभव शर्मा ,श्री पंकज चौरे नगर पालिका अध्यक्ष इटारसी ,राकेश फौजदार,डॉक्टर गोपाल प्रसाद जी खड्डर,नित्य गोपाल कटारे ,संतोष व्यास , डॉक्टर प्रिंस जैन ,राम सेवक शर्मा ,नरेंद्र मिश्रा,राहुल चौरे इटारसी ,अशोक पालीवाल आदि द्वारा किया गया प्रवचन के पूर्व भजनांजलि के अंतर्गत उदित नारायण तिवारी एवं आदित्य परसाई द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए।आपके साथ तबले पर विपुल दुबे गिटार पर यश मालवीय एवं मंजीरे पर सक्षम पाठक द्वारा सहयोग किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना अब सौंप दिया के साथ संपन्न हुआ।
