डायल 100 पायलेटों को निकालने की तैयारी,कलेक्टर एसपी से लगाई गुहार,चली जाएगी प्रदेश के 3000,पायलेटों की नौकरी।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
विगत 10 वर्षों से जब भी कहीं कोई अपराध नज़र आता या कोई अपराधी किसी को परेशान करता था, या कहीं कोई घटना घटित होती,तो लोगों को एक नंबर तुरंत याद आता और वहां वो फोन करते तो तुरंत कुछ ही समय में पुलिस के वाहन का सायरन सुनाई आता और एक सफेद टाटा सफारी वाहन दिखता,जिसे देख अपराधियों के होश उड़ जाते थे।वह नंबर है पुलिस की त्वरित सेवा डायल 100 वाहन सेवा का जिसमें मौजूद पुलिस कर्मी तत्काल वायरलेस मैसेज देते और कंट्रोल रूम से सहायता पहुंच जाती थी।लेकिन इन वाहनों की तत्परता के पीछे वो सधे हुए पायलेटों(ड्राइवरों)का त्याग और समर्पण है जो कंट्रोल रूम से आदेश मिलते ही पूरी मुस्तैदी से पुलिस कर्मियों को सटीक जगह महज़ कुछ ही मिनटों में पहुंचा देते थे।ऐसा भी देखने में आया कि जब कभी गंभीर एक्सीडेंट होने की सूचना प्राप्त हुई तो एंबुलेंस से पहले यह पायलट डायल 100 वाहन को लेकर उस स्थान तक पहुंचे और लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया और लोगों की जान बचालेते थे। लेकिन आज वही पायलेट बेरोजगारी की दहलीज़ पर बेबस खड़े हैं,उनको नौकरी से बाहर करने की क़वायद शुरू हो गई है।शुक्रवार को नर्मदापुरम जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से डायल 100 के पायलेट(ड्राइवर)पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम,और कलेक्टर नर्मदापुरम,के पास अपनी गुहार लगाने पहुंचे।
पायलेटो ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वह बी.वी.जी,(B.V.G.)कंपनी के कार्यरत कर्मचारी पायलेट हैं,लेकिन सरकार ने डायल 100 सेवा का नाम बदलकर 112 कर दिया है, डायल 100 का काम बी.वी.जी,कंपनी के पास था, अब नवीन कॉन्ट्रैक्ट जी.वी.के,(G.V.K.) कंपनी को दिया गया है। जी.वी.के,कंपनी ने सभी वाहनों के लिए नई नियुक्ति की है।हम विगत 10 वर्षों से कार्यरत थे हमें बिना किसी अग्रिम सूचना के अपने कार्य से अलग किया जा रहा है,जिससे हमारी आजीविका छिन्न भिन्न हो जाएगी।इस निर्णय से आक्रोशित पायलेटों ने कहा कि अगर हमारी सुनवाई नहीं होती है, तो हम 1 अगस्त 2025 से डायल 100 को रोक देंगे,और कोई भी डायल 100 वाहन को चलने नहीं दिया जाएगा।कोई भी डायल 100 पायलेट पायलेटिंग नहीं करेगा।
ज्ञात हो के इससे पूरे प्रदेश के लगभग 3000,डायल 100 पायलट बेरोजगारी के अंधेरे में धकेले जाएंगे,जो के अपने आप में एक बेरोजगारी का बड़ा आंकड़ा दर्शाता है।एक तरफ बातें रोजगार देने की की जा रही हैं वहीं पर इस तरीके से लोगों को बेरोजगार कर उनसे उनके रोजगार को छीना जा रहा है।

 

 

 

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