ज़िला मुख्यालय पर बेधड़क जारी है सट्टे और शराब का अवैध कारोबार,खुले आम लगते हैं सट्टे के काउंटर,पेटियों से बेची जाती है शराब,विधायक की शिकायत भी बे असर।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
नर्मदापुरम ज़िला मुख्यालय होने के साथ-साथ अवैध कारोबार का केंद्र भी बनता जा रहा है जहां हर चौक चौराहों पर विभिन्न विभिन्न अवैध कामों में लिप्त लोग मिल जाएंगे।इन दिनों शहर के कई क्षेत्रों में तो धड़ल्ले से बाकायदा काउंटर लगाकर सट्टे का कारोबार किया जा रहा है,तो वहीं शराब की होम डिलीवरी से लेकर खुल्लम-खुल्ला शराब भी बेची जा रही है,और यह सब उस जगह हो रहा है जहां ज़िले को मैनेज करने वाले ज़िला अधिकारी चमचमाती गाड़ियों से वीआईपी प्रोटोकॉल को संभालते हैं,लेकिन अपने ही गृह निवास में हो रहे अवैध धंधों को रोकने में असमर्थ हैं या यू कहें नजर अंदाज कर रहे हैं।
बेबसी का आलम यह है कि क्षेत्र के विधायक को खुद पुलिस कप्तान के पास जाकर इन गतिविधियों पर लगाम लगाने का निवेदन करना पड़ा और तभी ताबड़तोड़ कार्यवाही कर पुलिस ने बाज़ार क्षेत्र से दो चार सौ वाले सटोरियों को गिरफ्तार करके शाबाशी बटोरी लेकिन आदमगढ़ और भी कई क्षेत्रों में चल रहे कारोबार पर कोई आंच नहीं आई।नर्मदापुरम शहर का जहां कचरा फिकता है वहां से तो धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है बताया जा जाता है की यहीं से पूरे शहर और शहर से सटे इलाकों में शराब पहुंचाई जा रही है,लेकिन यहां आकर पुलिस और आबकारी दोनों आंख बंद कर लेते हैं।एक अवैध शराब के तस्कर से बातों बातों में पता चला कि हमें कोई चिंता नहीं जहां चाहो बेचो सब सेटल है।अब यह सेटलमेंट कैसा है कहा नहीं जा सकता लेकिन दिख सब कुछ रहा है। सवाल ये भी उत्पन्न होता है की क्या इन कारोबारियों को कुछ सफ़ेद पोश लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है। एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया की जो लोग ये काम कर रहे हैं उनके संबंध राजनीति के बड़े बड़े चेहरों के साथ भी बेहद नज़दीकी हैं इस लिए इनपर कोई बडी कार्यवाही नहीं होती और इस बहाने प्रशासन का आशीर्वाद भी दक्षिणा देकर मिल जाता है,और प्रशासन की तरफ़ से ढील दे दी जाती है और तो ओर ख़ुद कर्मचारी अपनी छापे मारी की ख़बर इन अवैध कारोबारियों तक पहुंचा देते हैं।

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