ताज ख़ान
इटारसी//
ज़िले की हाई प्रोफाइल तहसील इटारसी में बेखौफ अवैध उत्खनन ज़ोरों पर है। तहसील मुख्यलय से सटे पांड्री,नज़रपुर में तो चल ही रहा है वहीं लोहारिया पंचायत के अंतर्गत आनेवाले कांदई,सोमलवाडा मे पिछले 3 वर्षों से मिटटी और मुरम की खुदाई लगातार जारी है. खुदाई करने वालों ने तो प्रधानमंत्री सडक जो ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से बनाई गई थी.उसे चलने लायक नहीं छोड़ा है।अवैध रूप से मिट्टी और मुरम खोदी जा रही है और ज़िला प्रशासन इन पर कार्यवाही करने में नाकाम साबित हो रहा है।बताया जाता है कि पूर्व जिला खनिज अधिकारी से मुखबिर के आधार पर जुडे हुए संतोष कुमार पूरा कार्य संचालित करते हैं. जिसमे विभाग की तरफ से गारंटी दी जाती है कि आपकी गाडी कोई नहीं पकडेगा।सूत्रों ने बताया कि संतोष गौर इटारसी एवं इटारसी के आसपास की जितनी भी कालोनी पिछले 10 वर्षों में बनी है उसमें रेत, गिट्टी,मुरम, लाल मिट्टी और काली मिट्टी की सप्लाई कालोनी मालिकों से लेकर ठेकेदारों तक को सप्लाई की जाती है.सोमलवाडा की खदान में बताया जाता है कि, जेसीबी मशीन के साथ 5 लोगों के डम्फर चलते हैं उसमें प्रमुख रूप से संतोष गौर,अजीत कुमार,रानू,अन्य लोगों के डम्फर अवैध काम में ही लगे रहते हैं.कलेक्टर से जब शिकायत की गई तो कलेक्टर की ओर से खनिज विभाग को मार्क किया हुआ लेटर आ जाता है और उस लेटर को नस्तीबद्ध कर दिया जाता है.ग्रामीणजनों ने भी कई आवेदन दे चुके लेकिन पुलिस प्रशासन भी उन्हें पकडने में नाकाम साबित हुआ है।21 मई को शाम 4.30 बजे जब स्पॉट पर फोटोग्राफ लेने की कोशिश की गई तो तुरंत ही उनके लोगों ने जेसीबी मशीन हटाने और डम्फरो को हटाने की कोशिश की.लेकिन फोटो में कैद होने से बच नहीं पाए. डम्फरों के नम्बर कैमरे में कैद हो गए उनमें एमपी 05 जी-7091,एमपी 05 जी-7862 तथा एमपी 05 जी-1065, एमपी 05 जी-6282 थे।खनिज अधिकारी फोन उठाने से पहले अपने दलालों से पूछते हैं.बताया जाता है कि किसी मुखबिर का फोन खनिज विभाग के अधिकारियों के पास आता है तो वे अपने दलालों से फोन उठाएं या न उठाएं पूछकर ही बात करते हैं।
ठेकेदार की दबंगाई मंत्री विधायक का ख़ास।
ऐसा ही एक अवैध उत्खनन का ठेकेदार जो मंत्री और विधायक से करीबी रिश्ते रखता है,और वह वैध काम करने वालों को भी चमकाता है कि अगर मेरे अंडर में रहकर काम करोगे तो में तुम्हे काम करने दूंगा और नही तो खनिज विभाग और परिवहन विभाग से आपकी गाडी चल ही नहीं पाएगी।
खदान मालिकों की परेशानी।
वैध काम करने वाले खदान मालिक परेशान हैं.उनका कहना है कि हमारी रायल्टी तो कट ही नहीं रही और शासन के जो पर्यावरण टैक्स एवं अन्य टैक्स हैं उसके कारण हमें काम ही नहीं मिल पा रहा और अवैध काम करने वाले फल फूल रहे हैं और उन्हें संबंधित विभाग रोकता भी नहीं है.एक खदान मालिक तो इतने दबाव में थे की ज़िला कलेक्टर तक शिकायत की थी फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और इसी दबाव में उनका हृदयगति रुकने से मृत्यु हो गई।