ताज ख़ान
नर्मदापुरम
भीषण गर्मी में जहां धरती की गोद से निकलने वाले पानी के स्रोतों में दिन-ब-दिन कमी आ रही है वाटर लेवल निरंतर नीचे गिरता जा रहा है,आम नागरिकों को पानी की कमी हो रही है,शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ष गर्मियों में यह नजारा आम हो जाता है,कहीं नगर पालिका वॉटर टैंकरों से पानी की पूर्ति कर रही है,कहीं दिन दिन भर लोग पानी के इंतजार में बैठे रहते हैं,यह स्थिति लगभग हर वर्ष होती है,और अब बढ़ती जा रही है,लेकिन इन हालातो से निकलने का कोई पर्मानेंट फार्मूला तैयार नहीं किया जाता है,बल्कि इन हालात के बूते भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जाती है, जैसे नल जल योजना,अमृत योजना,आदि पाइपलाइन और टंकियों के लिए खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार किया जाता है,जबकि प्रकृति ने खुद अपनी गोद में इन परेशानियों का हल दिया हुआ हैं,जिसे नर्मदापुरम ज़िला कलेक्टर ने दूरदर्शिता के साथ परख कर पानी के इन्हीं स्रोतों से नागरिकों को सहूलियत देने की बात कही।नर्मदापुरम (होशंगाबाद)कलेक्टर सोनिया मीना ने जल विभाग के शून्य पड़े अधिकारियों से चर्चा कर ऐसे तमाम प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित कर उनसे लोगों को फायदा पहुंचाने की बात रखी,जैसे बंद पड़े हैंडपंप,खत्म कर दिए गए कुएं की मरम्मत और प्राकृतिक संसाधनों के ज़रिए पानी बचाने पर ज़ोर दिया,जिसमें सबसे बड़ा योगदान वाटर हार्वेस्टिंग का हो सकता है,जिसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।हर वर्ष लाखों लीटर पानी बह जाता है जो बचाया जा सकता है।
नगर पालिका भी हैं फिसड्डी।
वाटर हार्वेस्टिंग कि अगर बात की जाए तो ख़ुद नगर पालिकाओं में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।इटारसी और नर्मदापुरम (होशंगाबाद)नगर पालिकाओं की लगभग एक जैसी स्थिति है,हालांकि नगर पालिका भवन निर्माण अनुमति देते समय इसको पेपर पर दिखाती है लेकिन मौके पर कहीं भी वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कोई निरीक्षण नहीं किया जाता है और कोई ज़ोर नहीं दिया जाता है,बल्कि ट्यूबवेल उत्खनन कर धरती के सीने को छलनी किया जा रहा है, जबकि वाटर हार्वेस्टिंग के ज़रिए वर्षा के पानी को धरती में सहेजकर और कुएं के रिचार्ज की व्यवस्था करके वाटर लेवल मेंटेन किया जा सकता है।वहीं दूसरी तरफ एस.डी.एम और सी.एम.ओ बारिश के पानी की निकासी यानी आसानी से बेहने की व्यवस्था बना रहे हैं,ताकि जल भराव ना हो जबकि निकासी के साथ-साथ पानी को सहेजने की व्यवस्था भी करनी चाहिए जो इन अधिकारियों की फेहरिस्त में शामिल नहीं है,और इसका ख़ामियाज़ा हर वर्ष शहर और ग्रामीण की जनता को भुगतना पड़ता है।
इनका केहना है।
निश्चित ही यह गंभीर मुद्दा है और हमे इस और ध्यान देना चाहिए,पूर्व में ज़िला पंचायत सीईओ का दायित्व भी हमने संभाला है,हमने पंचायत कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की थी,ये बेहतर समाधान है, जिसके ज़रिए वाटर लेवल बरक़रार रखा जा सकता है,अब बारिश का मौसम सामने है, फिर भी हम देखते हैं कि हम पानी को सहेजने के लिए क्या स्टेप्स ले सकते हैं।वह हम करने की कोशिश करेंगे ताकि नागरिकों को सहूलियत मिल सके और वाटर लेवल मेंटेन रह सके।
सोनिया मीना
ज़िला कलेक्टर नर्मदापुरम(होशंगाबाद)