ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
सरकारी महकमों की लापारवाही पर ज़िला कलेक्टर सोनिया मीना ने फिर एक बार अपना रुख साफ करते हुए बतादिया की कलेक्टर अपने विभाग की कार्यप्रणाली के लिए कितनी सजग और फिक्रमंद हैं मामला पिपरिया तहसील का है जहां मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2010 के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के आवेदनों को निर्धारित समय सीमा में निराकरण करना प्रावधानित है। तत्संबंध में नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना ने लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2010 के अंतर्गत (4.13) भूमि का सीमांकन सेवाओं के समय सीमा बाहर लंबित प्रकरणों पर वैभव बैरागी तहसीलदार पिपरिया,तीरथ लाल इरपाचे अपर तहसीलदार पिपरिया, एवं श्रीमती दीप्ति चौधरी नायब तहसीलदार नर्मदापुरम(ग्रामीण) को म.प्र. लोक सेवा के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2010 की धारा 5(2) के तहत उक्त सेवाओं के आवेदनों को बिना किसी पर्याप्त तथा युक्तियुक्त कारण से सेवा प्रदान करने में विलंब का दोषी पाये जाने पर म.प्र.लोक सेवा के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2010 के विहित प्रावधानों के तहत द्वितीय अपील प्राधिकारी के क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए पदाभिहित अधिकारी वैभव बैरागी तहसीलदार पिपरिया, तीरथ लाल इरपाचे अपर तहसीलदार पिपरिया एवं श्रीमती दीप्ति चौधरी नायब तहसीलदार नर्मदापुरम (ग्रामीण) पर अधिनियम की धारा 7(1) की कंडिका (क) एवं (ख) के तहत एकमुश्त 5 – 5 हजार रूपये अर्थदंड किया है।संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अधिरोपित शास्ति की राशि 5 -5 हजार रूपये 3 दिवस में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के शीर्ष में चालान द्वारा जमा करना सुनिश्चित करें।तथा चालान की 1 प्रति कलेक्टर कार्यालय को देना सुनिश्चित करें।
