ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे सतपुड़ा की वादियों में बसा प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी अपने, निहायत ही ख़ूबसूरत और दिलकश नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए तो जाना ही जाता है साथ ही पचमढी में स्थित
राजभवन अपनें आप में एक इतिहास को समेटे हुए एक गौरव गाथा को बयान करता है।अंग्रेजो नें पचमढी को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था।बाद में पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया।
*_क्या है राज भवन का इतिहास।_*
अंग्रेजी शासन काल में सन 1887 में राजभवन का निर्माण हुआ था,उस समय 91 हजार 334 रुपए की लागत से राजभवन का निर्माण किया गया था। राजभवन में स्थित बाल रूम का निर्माण कार्य 1910 में एवं काउंसिलिंग चैंबर दरबार हॉल 1912-13 में किया गया था।समय समय पर राजभवन को रेनोवेट भी किया जाता रहा है।पचमढी में स्थित राजभवन इतना ऐतिहासिक है कि 80 के दशक में भी यहां केबीनेट की बैठक आयोजित की गई थी।
राजभवन बनेगा केबिनेट बैठक का साक्षी।
इतिहास को दोहराते हुए प्रदेश के मुखिया मोहन यादव की कैबिनेट 03 जून को इसी एैतिहासिक राजभवन में आयोजित की जाएगी।राजभवन केबिनेट बैठक का साक्षी बनेगा।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में एवं अन्य मंत्रीगणों की उपस्थिती में केबीनेट की बैठक आयोजित की जाएगी,बैठक के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।पचमढ़ी में प्रदेश के आला अफसरों ने डेरा डाल लिया है,वहीं सरकारी नुमाइंदों की जमघट से पर्यटकों में भी उत्सुकता देखने को मिल रही है।