एस.डी.एम पहुंचे चांदकिया के पीड़ित किसानों के बीच,एक एक किसान की सुनी पीड़ा।

ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
नर्मदापुरम ज़िला मुख्यालय की इटारसी तहसील के जनजातीय बहुल केसला ब्लॉक में आने वाले दूरस्थ ग्राम चांदकिया के किसान विगत कुछ समय से सरकार द्वारा अधिग्रहण की गई अपनी ज़मीन का मुआवज़ा नहीं दिए जाने पर आक्रोशित और पीड़ित थे।पीड़ित किसानों की तकलीफ़ को समझते हुए इटारसी अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व)टी.प्रतीक राव(आई.ए.एस)अपने पूरे प्रशासनिक अमले और जल संसाधन विभाग की पूरी टीम के साँथ चांदकिया के किसानों की बात सुनने और समझने पहुंचे।

एस.डी.एम.ने जीता दिल।
एस.डी.एम.को अपने बीच पाकर किसानों में पहले तो हड़बड़ाहट देखी गई,लेकिन जब एस.डी.एम.ने कहा की आप बिल्कुल भी नहीं घबराएं हम आपकी बातों को सुनने समझने और उसका निराकरण करने आए हैं,जब तक एक एक किसान की बात सुनेंगे नहीं हम यहां से जाएंगे नहीं।इतना सुनते ही किसानों को तसल्ली मिल गई और एस.डी.एम.ने एक एक पीड़ित किसानों की शिकायत को सुना और उसका निराकरण करने के लिए आर.आई एवं पटवारी को आदेशित किया।प्रशासन व संगठन के सहयोग से बांध व नहर निर्माण हेतु डूब में जा रही जमीन से संबंधित समस्याओं को मौके पर ही सुनकर निदान किया गया।
शुक्रवार को ग्राम चांदकिया में शासकीय अतिरिक्त कक्ष में एस.डी.एम टी प्रतीक राव व अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग व राजस्व निरीक्षक राजस्व व जलसंसाधन विभाग तथा पटवारी राजस्व व जलसंसाधन विभाग  मय दस्तावेज के मौके पर ग्राम पंचायत चांदकिया पहुंचे जहां सरपंच सरवन कासदे,किसान आदिवासी संगठन/समाजवादी जनपरिषद के फागराम व कपिल तथा ग्रामवासी उपस्थित रहे।चांदकिया ग्राम में बन रहे लघु जलाशय सिंचाई परियोजना बांध व नहर निर्माण में जा रही डूब में कृषकों की जमीन व पेड़ पौधों व कुएं,ट्यूबवेल झोपड़ी आदि के मुआवज़े संबंधित आ रही समस्याओं पर प्रशासन ने सुनवाई की।एस.डी.एम.ने सबको नमस्कार करने के बाद सभी को धन्यवाद दिया और कहा की आप सभी हमारे छोटे से आग्रह पर यहां आए इसके लिए धन्यवाद।इसके साथ ही उन्होंने पूर्व के भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 पर विस्तृत जानकारी दी,तथा नए संशोधन भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 भूमि आपसी सहमति तथा प्रारूप”क”व प्रारूप “ख”पर ध्यान आकर्षित करवाते हुए जानकारी दी।उन्होंने कहा की प्रारूप”क” के अंतर्गत हम एक विज्ञप्ति प्रकाशित करते हैं कि अगर किसी को कोई आपत्ति है तो 15 दिन के अन्दर आपत्ति दर्ज कराना होता है।फिर जलसंसाधन का सर्कुलर बताया। कलेक्टोरेट के मापदंड बताने के साथ ही कार्यवाही शुरू कर दी गई।सभी किसानों के आवेदन को एस.डी.एम.ने ध्यान पूर्वक देखा व पटवारी,आर.आई को तुरंत निर्देश दिए गए, एस.डी.एम.ने कहा कि जहां विसंगतियां हैं,उन्हें तुरंत सुधारा जाए।

किसानों ने बताई कुछ विसंगतियां।

1:भूमि स्वामी जिनकी भूमि अधिग्रहण की गई है उसके मुआवजे के संबंध में,भूमि खसरा नंबर 290/1,290/2 सिंचित -असिंचित विसंगतियां।
2: पौथी नामांतरण संबंधित समस्या।
3:भूमि स्वामी के नाम पर हुई त्रूटी को सुधारने संबंधी।
4: पीढ़ियों से करते आ रहे खेती पर वन विभाग द्वारा बनादी नर्सरी ।
5:ऐसे हितग्राही जिनके परिजन की मृत्यु हो गई है उनके दावेदारों को मुआवजे के लिए नाम कैसे जोडा जाए। इन सब बातों को सुन कर और एक एक प्रकरणों को ध्यान से संज्ञान में लेकर एस.डी.एम.ने सभी किसानों को संतुष्टि पूर्वक जवाब देकर उनके प्रकरणों का शीघ्र  निराकरण करने का आश्वासन दिया।

इनका कहना है।
एस.डी.एम.साहब के समक्ष हमने सभी किसानों की बातों को रखा था,उन्होंने सभी बिंदुओं पर अध्यन कर त्रुटियों के निराकरण की बात करते हुए किसानों के मुआवजे को शीघ्र दिलवाने की बात कही है,
फागराम
किसान आदिवासी संगठन/समाजवादी जनपरिषद केसला

इनका कहना है।
अब लगता है कि किसानों को न्याय मिल जाएगा,एस.डी.एम की पारदर्शिता से किसानों में खुशी का माहौल है,
कपिल खण्डेलवार
किसान आदिवासी संगठन केसला।

इनका कहना है।
हमने सभी किसानों को और आदिवासी किसान संगठनों को बुलाकर उनके साथ बैठकर बिंदुवार चर्चा की,जिस पर मालूम हुआ की हां कुछ विसंगतियां थी जिसे हम जल्द दुरुस्त कर आगे मुआवजे की कार्यवाही करेंगे।
टी प्रतीक राव,(IAS)
अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व)
इटारसी।

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