ताज ख़ान
इटारसी//
इन दिनों इटारसी जयस्तंभ पर स्थित गांधी सभा भवन चर्चाओं में है।गुरूवार को इस भवन के किराएदार, दुकानदारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये आरोप लगाया है कि ट्रस्ट अधिकारियों की मिलीभगत करके भवन को कमजोर साबित और उसे तोड़कर हमें भवन से निकलना चाहते हैं। दुकानदारों ने इसमें नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया है।पत्रकार भवन में दुकानदारों ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हम 10 दुकानदार 40 साल से ट्रस्ट के किराएदार हैं और अपना व्यवसाय कर रहे हैं। दुकानदारों द्वारा नियमित रूप से किराया दिया जा रहा है और शर्तों का पालन भी किया जा रहा है,पर ट्रस्ट द्वारा हमारे खिलाफ किराया न जमा करने का प्रकरण भी न्यायालय में दायर कराया गया था,जिसमें ट्रस्ट हार चुका है,अब हमें भवन तोड़ने के नाम पर बेदखल करने की कोशिश की जा रही है। दुकानदारों ने कहा कि इस ट्रस्ट के सचिव संतोष गुरयानी ने भी न्यायालय व मीडिया में स्वीकार किया है कि ट्रस्ट ने कभी नहीं कहा कि भवन कमजोर है,यह तो नगर पालिका ने कहा है।
दुकानदारों का यह भी कहना है कि शहर में 10 से ज्यादा ऐसे भवन हैं जो जर्जर स्थिति में है पर नपा उन्हें लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही,इस मजबूत भवन को तोड़ना संदेह पैदा करता है ।
दुकानदारों ने कहा कि उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कंपनी बीकॉन से गांधी सभा भवन की जांच हैमर टेस्टिंग तकनीक से कराई गई थी,जिसमें भवन को मजबूत बताया गया है।दुकानदारों ने किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से भवन की मजबूती की जांच करवाने की भी मांग की है।
दुकानदारों के अधिवक्ता दीपक जैन ने दुकानदारों की ओर से की गई कानूनी कार्रवाई की जानकारी मीडिया को दी।
ट्रस्ट को हड़पने और जमीन को औने पौने दामों पर बेचने की हो रही है साजिश।
गुरुवार को गांधी सभा भवन (कांग्रेस भवन) न्यास के संस्थापक मंत्री स्व.बालकृष्ण शर्मा के पुत्र राजेश शर्मा जो स्वयं भी गांधी सभा भवन की ट्रस्टी के मंत्री (सचिव) रहे हैं मीडिया से रूबरू हुए। भवन दुकानदारों की प्रेस वार्ता में मौजूद थे।उन्होंने ट्रस्ट के वर्तमान कर्ताधर्ताओं पर कई आरोप लगाए। उन्होंने भवन का इतिहास बताते हुए कहा कि हरीप्रसाद चतुर्वेदी के पुत्र स्वर्गीय अरविंद चतुर्वेदी एवं राकेश चतुर्वेदी द्वारा अपने रिश्तेदारों को स्थाई सदस्य बनाकर उक्त ट्रस्ट पर अवैध ढंग से कब्जा कर लिया गया है एवं ट्रस्ट की संपत्ति को तोड़कर अवैध रूप से विक्रय करना भी शुरू कर दिया है।उन्होंने आरोप लगाया कि इसके अलावा व्यक्तिगत हित साधने के लिए संतोष गुरयानी एवं रितेश विश्वकर्मा को सचिव एवम सह सचिव बनाया गया है जो कि इस पद के लिए ट्रस्ट के बायलाज के अनुसार अपात्र व गैरकानूनी है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रस्ट की राशि को भोपाल स्थित ट्रस्ट के सेंट्रल बैंक खाते में अंतरित किया गया यह खाता भी ट्रस्ट के नियमों के विपरीत स्व.अरविंद चतुर्वेदी ने अपने सिंगल होल्डिंग नाम से खुलवाकर पैसों का व्यक्तिगत उपयोग किया।
श्री शर्मा ने कहा कि अरविंद चर्तुवेदी द्वारा उक्त भूमि का पट्टा अपने एकमात्र नाम से अध्यक्ष के रूप में 2022 में चढ़वा लिया गया जो कि ट्रस्ट के बाय ला के खिलाफ है, एवं नामांतरण नियमों के भी खिलाफ है।जब तक पट्टे धारियों के वरसानों को ना सुना जाए या सहमति न ली जाए तब तक नामांतरण की प्रक्रिया वैध नहीं मानी जाती है।उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामलों को लेकर एक प्रकरण 1922 में जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जो अभी लंबित है।
उन्होंने कहा कि मैं इस ट्रस्ट में सचिव पद पर रहा हूं एवं मुझे बिना किसी सूचना के हटाया गया है जो की विधि विरुद्ध है,मैं आज भी विधिक रूप से ट्रस्ट का सचिव हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि चतुर्वेदी परिवार इस ट्रस्ट को अवैध रूप से हड़पना चाहता है।इसके लिए वह दुकानदारों को पूर्व से ही बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं जिसके लिए उन्होंने पूर्व में बेदखली का दावा पेश किया जहां उनको न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली इस कारण नगर पालिका से मिलकर गलत तरीके से संपत्ति को क्षतिग्रस्त एवं जर्जर घोषित कर इस जमीन को औने पौने दाम में बेंच कर पैसा हड़पने की कोशिश की जा रही है।