ताज ख़ान
इटारसी //
मणिपुर में चलरही हिंसा और शर्मसार कृत पर जहाँ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं सोमवार को इटारसी में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज संगठन की ओर से मणिपुर हिंसा की शिकार तीन आदिवासी महिलाओं का गैंगरेप और निर्वस्त्र कर घुमाने जैसा जघन्य अपराध किया गया आदिवासी छात्र संगठन के आकाश कुशराम के मुताबिक़ ये घटना बर्बरता पूर्ण और भयावह है, इस घटना ने देश को शर्मसार किया है,लगभग तीन महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है यहाँ कुकी,नागा आदिवासी समुदाय को टारगेट कर उत्पीड़न किया जा रहा है, हिंसा को काबू करने में मणिपुर सरकार पूरी तरह विफल रही है।सैकड़ो लोगो महिलाओं बच्चों की हत्या की गई हजारों लोग घायल है लगभग 60 हजार लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हुए हैं,देशभर में आदिवासीयो पर तेज़ी से लगातार जघन्य अत्याचार ओर अन्याय हो रहे है। यह इसकी एक कड़ी है।
आदिवासी समाज ने मांग करते हुए कहा है की आदिवासी महिलाओं के साथ जघन्य कृत्य कर देश को शर्मसार करने वाले दोषियों को फाँसी की सजा देने, और मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रीपति शासन लगाने और देश के आदिवासियों को सुरक्षा प्रदान करने की कार्यवाही की जनी चाहिए।
साँथ ही एक ज्ञापन बाबई खुर्द ग्राम जमानी के रहवासियों द्वारा प्रताड़ित होकर मात्र शक्ति और युवा शक्तियों ने एसडीएम को देते हुए बताया कि उनके साथ बिजली को लेकर बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है,
इस मौक़े पर आदिवासी छात्र संगठन प्रदेश सचिव आकाश कुशराम, बदामीलाल अहके, युवा पार्षद राहुल प्रधान, विजय कावरे,लक्ष्मण परते,पुरुषोत्तम धुर्वे, मनीषा धुर्वे, रजत मर्सकोले, लक्ष्मण उईके, सचिन मेहरा, अजय सरयाम,रोशन धुर्वे,अशोक भल्लवी, राघवेंद्र उइके,पवन दुर्वे, पवन मर्सकोले,संजय युवने, शिवलाल उईके, अंकित यूवने, संजू तुमराम, विनोद, जय नारायण परते, कमलेश उईके, रामशंकर उइके,संदीप परते, अरविंद धुर्वे, साथ ही बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित हुए।