ताज ख़ान
नर्मदापुरम//
प्रशासन ने नर्मदापुरम के पहाड़िया क्षेत्र के लगभग 1 सैकड़ा परिवारों को वर्षाकाल में विस्थापित करने कीकार्रवाई पिछ्ले दिनों की है , कांग्रेस ने इसे , स्थानीय प्रशासन का अमानवीय कदम बताया है, उनका आरोप है कि प्रशासन ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष ग़रीब परिवारों का उचित ढंग से पक्ष ना ऱखकर, उन्हें बारिश में बेघर किए जाने में सबसे अहम भूमिका अदा की. नर्मदापुरम ज़िले में लगातार बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग बता रहा है, निचली बस्तियों में जल भराव भी देखने में आ रहा है।
उस समय प्रशासन ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए विगत कई वर्षों से बड़ी पहाड़ियां क्षेत्र में बसे गरीबों को हटाने की कार्रवाई की है। बताया जाता है कि कथित तौर पर उनको खोजनपुर में रहने के लिए जगह दी गई है लेकिन वहां कोई सुविधा अभी तक नहीं दी गई है, लोगों को भारी बारिश में खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया है, उनके बच्चे बीमार हो रहे हैं घर का सामान तितर बितर होकर बर्बाद हो गया है, यह तब हुआ है जब कुछ ही समय पहले 26 जून को मुख्य अपर सचिव अस्थाई तौर से रह रहे लोगों को बारिश के मौसम में न हटाने का पत्र भी जारी किया था उसके बाद भी प्रशासन ने उस पत्र की अनदेखी करते हुए निर्ममता से यह कार्यवाही की है।
पार्षद नें जताया तीखा विरोध
कार्यवाही के विरोध में पार्षद मीना वर्मा के कड़े विरोध के बाद निराश्रितों के लिए नगर पालिका ने सिर्फ छोटा सा टेंट लगाया है और भोजन दिया जा रहा है जिसकी गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह है लोगों का कहना है की बासा खाना खिलाया जा रहा है, जिससे हमारे बच्चे बीमार हो रहे हैं।श्रीमती वर्मा के आग्रह के बाद विधायक नर्मदापुरम ने भी स्थिति का जायजा लिया लेकिन कोई सहूलियत नहीं मिल पाई है।श्रीमती वर्मा नें खोजनपुर पहुंचकर पीड़ितों को बारिश से राहत के लिए बरसाती और पन्नीयां वितरित की।
कांग्रेस ज़िला प्रवक्ता ने कहा
कांग्रेस कमेटी के ज़िला प्रवक्ता अमोल उपाध्याय ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन ने अपने भोपाल स्थित राजस्व कार्यालय मध्य प्रदेश शासन के अपर सचिव चंद्रशेखर वलंबे के आदेश 23/6/2023 को भी खोखला साबित किया है, जिसमें वर्षा काल में आवासीय अतिक्रमण को न हटाए जाने का स्पष्ट उल्लेख है।
कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष नें कहा
जिला काँग्रेस अध्यक्ष पुष्पराज सिँह पटैल ने भी इस कार्यवाही पर रोष व्यक्त करते हुए माँग की है कि प्रशासन अब उन विस्थापित परिवारों के सम्मानजनक व सही व्यवस्थापन हेतु आवश्यक मानवीय दृष्टिकोण अपनाए और उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वँचित ना होने दें।