स्थानीय रेत चोरों और ठेका कंपनियों में बन रही टकराव की स्थिति
शासन को हो रहा लाखों के राजस्व का नुकसान
सोहागपुर ब्लॉक एवं नगर पिछले कुछ दिनों से कथित रेत कंपनी के कुछ लोगों के द्वारा स्थानीय ट्रैक्टर ट्राली चालक एवं रेत विक्रेताओं से रेत रॉयल्टी के नाम पर वसूली की जा रही है 1900 रुपये प्रति ट्राली के हिसाब से ट्रैक्टर चालकों से एक साधारण कागज पर लिखकर राशि ली जा रही है कथित ठेकेदारों द्वारा यह भी नहीं बताया जा रहा कि खदान की रेत रायल्टी की वसूली हो रही है अभी तक नगर सहित आसपास क्षेत्र में आम नागरिकों को 1000-1200 में प्रति ट्राली प्राप्त होती थी अब अब इस अवैध रेत रॉयल्टी के काटे जाने पर यह रेत आम नागरिकों को लगभग 5000 रुपये प्रति ट्राली प्राप्त होगी रेत रॉयल्टी के नाम पर जनता को तो लूट ही जावेगा सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है।
रेवा बनखेड़ी और रेवामुहारी खदान का हुआ है आवंटन,
घोषित खदान के संबंध में जानकारी लेने के लिए प्रतिनिधि के द्वारा माइनिंग इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार परस्ते नर्मदापुरम से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सोहागपुर ब्लॉक में रेवा बनखेड़ी और रीवा मोहारी खदान ही नीलाम है नियम अनुसार ठेकेदार वहां बेरियर लगाकर रॉयल्टी वसूल सकता है यदि अन्य कहीं से वसूली हो रही है तो मैं पता लगाता हूं ठेकेदार अवैध ट्रैक्टर ट्रालियों की शिकायत माईनिंग एवं पुलिस से कर सकते हैं।
आवंटित खदान से उत्खनन के नियम
रेट रॉयल्टी खदान के बहुत नियम है जब कोई खदान नीलाम होती है तो माईनिंग अधिकारियों द्वारा राजस्व निरीक्षक ,सर्वेयर और पटवारी के साथ ठेकेदार के सामने वहां का विधिवत सीमांकन किया जाता है जितनी खदान नीलाम है उसका सीमांकन होता है और इतने क्षेत्र में खंबे या अन्य किसी वस्तु से चिन्हित कर दिया जाता है उसके अंदर से ही रेत बेची जाती है रेत खदान के पास बेरियर नाका बनाया जाता है वहां रॉयल्टी काटी जाती है प्रत्येक ट्रैक्टर ट्रॉली पर रॉयल्टी होना अनिवार्य है परंतु सुहागपुर में नियम से हटकर केवल एक शादी पर्ची दी जा रही है
अवैध उत्खनन पर लगेगी रोक , राजस्व और आम जनता का नुकसान
सोहागपुर क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से वैध ठेका न होने के कारण अवैध रूप से रेत उत्खनन कर बेची जा रही थी इससे राजस्व को लाखों का नुकसान हो रहा था परंतु आम जनता को लाभ मिल रहा था ,अब रेत भी महंगी मिल रही है और सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है पहले पैसा रेत चोरों की जेब में जाता था अब यह कंपनी और ठेकेदारों के बीच में जाएगा हिस्सेदार बढ़ेंगे तो स्वाभाविक है रेत के रेट भी बढ़ेंगे
खनन माफियाओं और ठेका कंपनी के बीच में टकराव की स्थिति
बरसों से अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं तथा ठेका कंपनी के कर्मचारियों में झड़प होने लगी है विवाद थाने तक भी पहुंचा गया है ,और मारपीट को अड़ीबाजी का रूप भी दिया गया। कई जगह कंपनी के लोगों ने स्वयं ही ट्राली पकड़ ली ।दूसरी ओर प्रत्येक गांव से निकलने वाली नदी में रेत है जिसका उपयोग वहां के स्थानीय ग्राम वासी करते हैं तथा उसका कोई शुल्क भी अदा नहीं करना पड़ता ऐसे में आम ग्राम वासियों से भी कंपनी का टकराव होगा और शांत रहने वाला नगर सोहागपुर मैं अवैध गतिविधियां , लड़ाई झगड़ा बढ़ेंगे क्योंकि रॉयल्टी काटने वाले कर्मचारियों को कंपनी ने बाहर से बुलाकर रखे हैं कंपनी द्वारा रखे हुए बाहर से आए हुए नागरिकों की पुलिस थाने में जानकारी दी जाना भी आवश्यक है।
बरहाल रेतीले सोने से पैसा बरसता है इससे कोई भी अछूता नहीं रह सकता सब बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं परंतु नुकसान राजस्व का और आम जनता का होना निश्चित है वरिष्ठ अधिकारियों को इसमें ध्यान देकर उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है जहां की खदान नीलाम हुई है रॉयल्टी वहां की कटी जाना चाहिए और यदि अन्य नदियों से अवैध उत्खनन किया जाता है तो उसे माइनिंग विभाग को रोकना चाहिए।